Lucknow News: लखनऊ में बदलते मौसम के कारण बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर में डेंगू और मलेरिया पहले से ह चिंता का विषय बने हुए थे और अब कालाजार का एक मामला सामने आया है। इस साल लखनऊ में डेंगू के 2,000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं और कालाजार के संभावित मामले से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।
क्या है मामला?
त्रिवेणी नगर इलाके के एक युवक में कालाजार के लक्षण मिले हैं। युवक का इलाज एरा मेडिकल कॉलेज में किया गया और दिल्ली की एक लैब में किए गए टेस्ट में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कालाजार की पुष्टि के लिए “फीमेल बालू मक्खी” का मिलना आवश्यक है लेकिन अब तक ऐसी मक्खी नहीं मिली है।
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कालाजार और उसका नेपाल-बहराइच कनेक्शन
कालाजार एक गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर नेपाल और बहराइच से सटे क्षेत्रों में पाई जाती है। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि यह केस किसी यात्रा या बाहरी संपर्क से भी आया हो सकता है। युवक के परिवार ने यह बताया कि उसने नेपाल यात्रा नहीं की, लेकिन बहराइच से लोग उसके संपर्क में आए हैं जिससे बीमारी फैलने का अंदेशा है।
स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट
इस मामले के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने युवक के घर के 500 मीटर के दायरे में फीवर सर्वे किया है। इसमें दो हफ्ते से ज्यादा बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच की गई लेकिन ऐसे कोई और मामले नहीं पाए गए हैं। युवक के घर पर कीटनाशक स्प्रे किया गया और दीवारों पर एक विशेष लेप लगाया गया है। अगर घर में कहीं बालू मक्खी मौजूद होगी तो वह नष्ट हो जाए।
कालाजार के लक्षण
कालाजार के लक्षणों में दो हफ्ते से ज्यादा बुखार, कमजोरी, पेट में सूजन, और शरीर का रंग काला पड़ना शामिल हैं। यह बीमारी “फीमेल बालू मक्खी” के काटने से फैलती है और यह मक्खी अब तक लखनऊ में नहीं पाई गई है इसलिए स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है।
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