अमेठी, उत्तर प्रदेश – हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह के समर्थन में Amethi में आयोजित कैंडल मार्च को लेकर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। पिछले हफ्ते इजरायली हमले में नसरुल्लाह के मारे जाने के बाद, मंगलवार शाम को शिया समुदाय के सदस्यों ने बिना अनुमति के यह मार्च निकाला। मार्च में शामिल सैकड़ों लोगों ने इजरायल के खिलाफ नारे लगाए और अपने हाथों में नसरुल्लाह के पोस्टर उठाए। इस प्रदर्शन के चलते स्थानीय पुलिस ने आयोजकों सहित 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया, जिससे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
कैंडल मार्च के आयोजन के समय Amethi जिले में धारा 144 लागू थी, जिसका मतलब है कि किसी भी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके बावजूद, लोगों ने बिना किसी इजाज़त के मार्च निकाला। स्थानीय पुलिस ने जब स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए कार्रवाई की। क्षेत्राधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह स्थिति अमेठी के लिए चिंता का विषय बन गई है, खासकर त्योहारों के मौसम में जब शांति बनाए रखना बेहद जरूरी है।
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इसी बीच, Amethi से सटे सुल्तानपुर में भी नसरुल्लाह के समर्थन में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। यहां अंजुमन पंजतनी तुराबखानी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने इजरायल के खिलाफ जुलूस निकाला। इस प्रदर्शन में माइनॉरिटी एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्ट के वकील एमएच खान ने कहा कि यह विरोध इजरायल द्वारा किए गए उत्पीड़न के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का पुतला जलाते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया।
हिजबुल्लाह चीफ नसरुल्लाह को इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को बेरूत में एक हवाई हमले में मार गिराया था, जिसके बाद से शिया समुदाय में विरोध की लहर दौड़ गई। अमेठी में हुए इस कैंडल मार्च ने न केवल स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ाई है, बल्कि यह संकेत भी है कि यह मुद्दा आगे और अधिक तूल पकड़ सकता है। प्रशासन अब ऐसे प्रदर्शनों पर नजर रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गया है।