Lucknow tiger terror: लखनऊ के रहमान खेड़ा जंगल में बाघ का खतरा लगातार बना हुआ है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। बाघ ने पहले नीलगाय और फिर सांड़ पर हमला किया, और अब रविवार रात पिंजरे के पास बंधे हुए बछड़े को अपना शिकार बना लिया। हालांकि, तीन दिनों से बाघ की गतिविधियाँ जंगल तक ही सीमित हैं और वह गांवों की ओर नहीं बढ़ा है। Lucknow वन विभाग की 35 टीमें बाघ की तलाश में जुटी हुई हैं और आसपास के क्षेत्रों को नो-गो जोन घोषित किया गया है।
बाघ की शिकार की घटनाएँ जारी
रहमान खेड़ा जंगल में बाघ की गतिविधियाँ पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं। पहले उसने नीलगाय का शिकार किया, फिर एक सांड़ पर हमला किया और अब बछड़े को जंगल में खींच ले गया। बाघ की शिकार करने की आदत ने आसपास के ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है, लेकिन वह अभी तक गांवों से दूर ही है।
वन विभाग की कार्रवाई और निगरानी
बाघ को पकड़ने के लिए Lucknow वन विभाग ने पिंजरे के पास बछड़ा बांधा था, जिसे बाघ ने शिकार कर लिया। इसके बाद, दूसरे बछड़े को फिर से बांध दिया गया ताकि बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सके। बाघ की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए ट्रैप कैमरे और वॉच टॉवर भी लगाए गए हैं। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडे ने बताया कि कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर को भी निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
बाघ की गतिविधियाँ और उसके शिकार करने का तरीका ग्रामीणों को डर के साये में जीने पर मजबूर कर रहा है। काकोरी के उलरापुर गांव में बाघ की उपस्थिति के बाद मजदूरों ने डर के कारण छिपना शुरू कर दिया। वन विभाग ने घटना की जानकारी प्राप्त करने के बाद बाघ के पदचिन्हों की पुष्टि की और बाघ की सुरक्षा के लिए और कदम उठाए।
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