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विपक्ष की हाय-हाय, योगी एसटीएफ की धांय-धांय

न विपक्ष रूक रहा, न टीम अमिताभ

लखनऊ (यूपी):  सूबे में स्पेशल टास्क फोर्स के निशाने पर जहां लगातार अपराधी हैं, वहीं जातीय आधार पर इन एनकाउंटर्स पर विपक्ष लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटा है। बावजूद इसके सूबे में सीनियर आईपीएस अमिताभ यश के नेतृत्व में सीएम योगी की जीरो टोलरेंस नीति पर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगातार अपराधियों के लिए काल साबित हो रही है।

बदमाशों का काल बनी टीम अमिताभ

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बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले आईपीएस-आरआर 1996 बैच के अमिताभ यश की देखरेख में यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स विपक्ष के हो-हल्ले से किसी भी तरह के दवाब में नहीं है। बल्कि टीम की तरफ से लगातार सीएम योगी की जीरो टोलरेंस की नीति के मुताबिक सूबे में अपराधियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देने का काम चल रहा है।

1 जनवरी 2021 को अमिताभ यश को पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के पद पर प्रमोट किया गया था। उसेक बाद ही उत्तर प्रदेश का नया एडीजी एलओ बनाया गया। फिलहाल प्रदेश में एसटीएफ के तेज-तर्रार अफसरों की टीम की निगदारी में ऑपरेशन क्लीन पर ही एसटीएफ का फोकस है।

विपक्ष लगातार उठा रहा सवाल

चाहें मंगेश यादव का एनकाउंटर हो, अनुज प्रताप सिंह का मुठभेड़ में मारा जाना हो या फिर अब गाजीपुर में एक लाख के इनामी जाहिद का ढेर होना हर एनकाउंटर में विपक्ष न सिर्फ पुलिस की कही पर सवाल उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम करता है, बल्कि सीधे योगी आदित्यनाथ पर हमले बोलता है।

लेकिन प्रदेश में चल रही बदमाशों के सफाए की मुहिम पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। हालाकि विपक्ष ने पहले मंगेश के एनकाउंटर पर ये कहकर सवाल उठाया कि वो यादव था इसलिए मारा गया। फिर दूसरे आरोपी अनुज प्रताप सिंह का एनकाउंटर हुआ तब भी विपक्ष ने चिल्ल-पौं की और अब जाहिद के मारे जाने के बाद भी विपक्ष हमलावर है।

हालिया एनकाउंटर-जिनपर रार एनकाउंटर नंबर-1

सुल्तानपुर में 28 अगस्त को कोतवाली नगर के चौक ठठेरी बाजार में सर्राफा कारोबारी भरत जी सोनी की शॉप में डेढ़ करोड़ की डकैती हुई थी। ये डकैती डालने के एक आरोपी को पांच सितंबर को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया था।

मारे गए बदमाश की पहचान मंगेश यादव के रूप में हुई है। वह जौनपुर जिले के अंगरौरा का रहने वाला था। एसटीएफ ने उसके पास से 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, बाइक और लूटे गए जेवर बरामद किए हैं।10 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया।

एनकाउंटर नंबर-2

उन्नांव में 23 सितंबर सोमवार को तड़के सुल्तानपुर डकैती कांड में शामिल आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ अचलगंज थाना क्षेत्र के कुलुहागढ़ा में हुई। आरोपी की पहचान अमेठी निवासी अनुज प्रताप सिंह के रूप में हुई। उस पर एक लाख का इनाम था।

एनकाउंटर नंबर-3

गाजीपुर में 19/20अगस्त की रात आरपीएफ के दो जवानों की हत्या हुई थी। इसी मामले में पुलिस की पड़ताल में बिहार के रहने वाले जाहिद नाम के बदमाश की घटना में शामिल होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मुठभेड़ में एक लाख के इनामी जाहिद को मार गिराया।

विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी हुई थी सियासत

गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी पुलिस की एसटीएफ के हाथों एनकाउंटर तो आपको याद ही होगा। 2020 में हुए विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी राजनीतिक दलों ने योगी सरकार और एसटीएफ की टीम पर हमला बोला था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। मगर, योगी सरकार की जीरो टोलरेंस की नीति पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा।

एनकाउंटर्स में यूपी नंबर दो पर

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से 2022 के बीच पिछले 5 सालों में देश में 655 एनकाउंटर हुए थे। सबसे जयादा एनकाउंटर्स के मामले में नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ है। छत्तीसगढ़ में सबसे 2017 से 2022 में सबसे ज्यादा 191 एनकाउंटर हुए हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर था, जहां 5 साल में 117 एनकाउंटर हुए थे।

बाकी राज्यों में बहुत कम या फिर न के बराबर एनकाउंटर हुए। एक आंकड़े के मुताबिक यूपी की योगी सरकार में हुए एनकाउंटर्स में 67 मुस्लिम, 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, जाट और गुर्जर मारे गए हैं। हालाकि इनामी बदमाशों का लिस्टेड आंकड़ा भी कुछ इसी रेश्यो में है।

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