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45 दिवसीय महाकुंभ का आज महाशिवरात्रि पर समापन, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर स्नान के लिए व्यापक रुप से सरकार ने इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने लोगों से संगम पर इकट्ठा होने के बजाय नजदीकी घाट पर पवित्र स्नान करने की अपील की है। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर स्नान को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लगातार मेला अधिकारियों के संपर्क में हैं। श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए रेलवे की ओर से विशेष रुप से इंतजाम किए गए हैं, तो चलिए जानते हैं आयोजन की खास बातें।

आयोजन से जुड़ी 10 खास बातें

  1. महाकुंभ में अब तक 64 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं। श्रद्धालु आज गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर अंतिम स्नान के लिए डुबकी लगा रहे हैं। इसके साथ ही हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ का आज समापन हो जाएगा।
  2. सोमवार से ही मेला क्षेत्र में “अमृत स्नान” के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। अंतिम स्नान के लिए श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए मंगलवार शाम 4 बजे से पूरे मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया था।
  3. सरकार की ओर से भीड़ प्रबंधन, बेहतर साफ-सफाई और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
  4. महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था के लिए 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं, जबकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 2,750 एआई आधारित सीसीटीवी, तीन जल पुलिस स्टेशन, 18 जल पुलिस नियंत्रण कक्ष और 50 वॉच टावर लगाए गए हैं।
  5. महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत कई देशों के मेहमान यहां पहुंचे। नेपाल से भी अब तक 50 लाख से अधिक लोग त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं।
  6. महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जबकि मकर संक्रांति के अवसर पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 1 फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
  7. बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई। माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
  8. 26 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ के बाद व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना ने राजनीतिक लड़ाई को जन्म दिया, जिसमें विपक्ष और भाजपा के अधिकांश नेता शामिल हो गए।
  9. विपक्ष ने बार-बार सरकार पर निशाना साधा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस पर धर्म और संस्कृति को बदनाम करने का आरोप लगाया।
  10. पीएम मोदी ने कहा कि यह “गुलाम मानसिकता” को दर्शाता है। दूसरा बड़ा विवाद उन रिपोर्टों पर था, जिनमें कहा गया था कि संगम के पानी में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया है और यह स्नान के लिए उपयुक्त नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए आलोचकों पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया।
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