Maharashtra politics: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार की दिल्ली में मुलाकात के बाद राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है, जबकि एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की बीजेपी नेताओं से मुलाकात ने अटकलों को और बढ़ा दिया है।
मोदी-पवार की मुलाकात ने बदले समीकरण?
21 फरवरी को दिल्ली में हुए 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की गर्मजोशी से मुलाकात हुई। इस दौरान मोदी ने न केवल पवार का सम्मान किया बल्कि उन्हें पानी का गिलास भी भरकर दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ नया हो सकता है।
जयंत पाटिल की बीजेपी नेताओं से मुलाकात
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और बीजेपी के Maharashtra प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बीच मुंबई में बैठक हुई। हालांकि, पाटिल ने सफाई दी कि यह बैठक सांगली जिले से जुड़े विकास कार्यों को लेकर थी और इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी था और यह मुलाकात मात्र 25 मिनट की थी।
लेकिन, इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। इससे पहले भी जयंत पाटिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मंच साझा कर चुके हैं, जिससे उनकी राजनीतिक रणनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
संजय राउत की फडणवीस की तारीफ
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ‘फिक्सरों’ को मंत्रियों का ओएसडी या पीएस बनने से रोककर राज्य के खजाने की लूट पर लगाम लगाई है।
राउत के मुताबिक, मंत्रियों द्वारा भेजे गए 125 नामों में से फडणवीस ने 109 को मंजूरी दी, लेकिन 16 नामों को खारिज कर दिया क्योंकि वे या तो जांच का सामना कर रहे थे या ‘फिक्सर’ के रूप में बदनाम थे।
क्या महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़?
मोदी-पवार की मुलाकात, जयंत पाटिल की बैठक और संजय राउत की बदली हुई भाषा Maharashtra की राजनीति में बदलाव के संकेत दे रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सियासी समीकरण किस दिशा में जाते हैं।