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सपा नेता की ‘मुगल वापसी’ की धमकी: यूपी में मचा सियासी भूचालदर्ज हुई FIR

Mahboob Ali

Mahboob Ali:बिजनौर में एक संवैधानिक कार्यक्रम राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया, जब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता महबूब अली ने वर्तमान सरकार को चुनौतीपूर्ण संदेश दिया। अमरोहा के विधायक अली ने मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि का उल्लेख करते हुए 2027 में सत्ता परिवर्तन का दावा किया। उन्होंने मुगल साम्राज्य के लंबे शासनकाल का जिक्र करते हुए मौजूदा शासन की अस्थायी प्रकृति पर टिप्पणी की। यह विवादास्पद बयान तत्काल विरोध की लपटों में घिर गया। भाजपा नेतृत्व ने इसे राष्ट्र विरोधी करार दिया, जबकि पुलिस ने अली के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की। अब देखना यह है कि क्या यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचाएगी या महज एक और राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगी।

भाजपा नेताओं ने MahboobAli के इस बयान को मुस्लिम तुष्टीकरण और सांप्रदायिक राजनीति का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान समाज में धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देते हैं और असंवैधानिक हैं। भाजपा प्रवक्ताओं ने MahboobAli  के बयान को लेकर कहा कि यह समाज को बांटने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने का प्रयास है। दूसरी तरफ, सपा नेताओं का तर्क है कि इस तरह के बयान राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य उनके मतदाताओं को एकजुट करना है, विशेषकर मुस्लिम समुदाय।

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यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उत्तर प्रदेश में आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ जोर पकड़ रही हैं। महबूब अली के बयान ने आज़म खान और अन्य नेताओं के पुराने विवादित बयानों की याद दिलाई, जिन्होंने सांप्रदायिक राजनीति को हवा दी थी। भाजपा इस बयान को सपा पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है, जबकि सपा इसे मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में एक कदम मान रही है।

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