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Mahakumbh 2025: शादी के 2 महीने बाद लिया सन्यास, परिवार ने दिया पूरा साथ

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: दिल्ली की ममता वशिष्ठ, जिन्होंने महज दो महीने पहले शादी की थी, अब प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़े से जुड़कर महामंडलेश्वर बनीं हैं। इस दौरान उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया और अपने जीवन को पूरी तरह से धर्म के मार्ग में समर्पित कर दिया। ममता ने Mahakumbh 2025 में पिंडदान और पट्टाभिषेक की प्रक्रिया पूरी की, जो उनके आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक बनी।

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Mahakumbh 2025 में किन्नर अखाड़े द्वारा कई लोगों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाती है, और ममता वशिष्ठ भी उन्हीं में शामिल हैं। इस उपाधि के बाद ममता का नाम महामंडलेश्वर ममता वशिष्ठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता का पिंडदान और पट्टाभिषेक कराया। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े के अन्य महामंडलेश्वर भी मौजूद थे। ममता के पति संदीप ने भी इस फैसले का पूरा सम्मान किया और अपने पत्नी के साथ खड़े रहे। साथ ही ममता के माता-पिता और सास-ससुर ने भी इस निर्णय में उनका समर्थन किया।

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ममता वशिष्ठ का कहना है कि बचपन से ही उन्हें सनातन धर्म और हिंदू धर्म में गहरी आस्था थी। वह रोज़ पूजा-पाठ करती थीं और वेद मंत्रों का उच्चारण भी करती थीं। गीता का पाठ भी उनके जीवन का हिस्सा रहा। उनकी आस्था ने उन्हें संन्यास लेने की प्रेरणा दी, और वह महाकुंभ में आकर अपने जीवन को धार्मिक समर्पण में बदलने के लिए तैयार हो गईं।

ममता वशिष्ठ का यह कदम धार्मिक समर्पण और परिवार के समर्थन का एक बेहतरीन उदाहरण है। वह एक ऐसे सफर पर निकली हैं, जिसमें उन्हें परिवार का प्यार और समाज का सम्मान मिला। इस बदलाव के साथ ममता का जीवन एक नई दिशा में मोड़ ले चुका है, जो सनातन धर्म के प्रति उनके गहरे विश्वास को और मजबूत करता है।

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