Manipur CM resigns: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल स्थित राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा। यह फैसला राज्य में जारी जातीय हिंसा, राजनीतिक अस्थिरता और भाजपा के भीतर बढ़ते असंतोष के बीच लिया गया। पिछले कुछ महीनों से उनके नेतृत्व पर सवाल उठ रहे थे, और अंततः पार्टी और विपक्ष के दबाव के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
मणिपुर में जातीय हिंसा और सरकार की नाकामी
मई 2023 से Manipur जातीय संघर्ष की चपेट में है, जहां मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच हिंसा भड़की। इस टकराव की वजह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग थी, जिसे लेकर राज्य में व्यापक असंतोष देखने को मिला। लगातार हो रही हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हो गए।
मुख्यमंत्री सिंह ने हाल ही में इस हिंसा को लेकर माफी भी मांगी थी, लेकिन उनकी इस स्वीकारोक्ति को विपक्ष ने विफलता करार दिया। कांग्रेस सहित कई दलों ने उनकी सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। भाजपा के सहयोगी दल मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) ने भी उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।
भाजपा के भीतर असंतोष और सहयोगियों का हटना
सिंह के खिलाफ भाजपा के भीतर भी असंतोष बढ़ता जा रहा था। कई विधायकों और मंत्रियों, खासकर युमनाम खेमचंद सिंह ने उनकी नीतियों पर नाराजगी जताई। हालात तब और बिगड़ गए जब नवंबर 2024 में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिससे भाजपा को बड़ा झटका लगा।
आगे की राह और संभावित राजनीतिक बदलाव
सिंह के इस्तीफे के बाद Manipur में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। भाजपा को अब ऐसे नेता की तलाश है जो जातीय संतुलन बनाए रख सके और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित कर सके। विपक्ष ने इस मौके पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी है।
एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मणिपुर के राजनीतिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि भाजपा राज्य में नई सरकार का गठन कैसे करती है और मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।