Mathura Dwarkadhish Temple: मथुरा स्थित प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में रविवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें मंदिर प्रशासन ने बाहरी फूल माला और प्रसाद लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम पुष्टिमार्ग संप्रदाय की धार्मिक परंपराओं और ठाकुर जी की सेवा के विशेष नियमों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, सर्दी के मौसम में ठाकुर जी की सेवा के दौरान उन्हें ठंड से बचाने के लिए यह कदम आवश्यक था, क्योंकि बाहर से लाए गए फूल माला और प्रसाद उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते थे।
Mathura Dwarkadhish Temple में ठाकुर जी की पूजा बाल स्वरूप में की जाती है और विशेष ध्यान दिया जाता है कि उन्हें सर्दी में कोई परेशानी न हो। सर्दी के मौसम में फूल ठंडे होते हैं, और इससे ठाकुर जी को ठंड लग सकती है। इसलिए मंदिर के अंदर ही विशेष भोग सामग्री और फूल माला तैयार की जाती है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि बाहरी सामग्री लाने से ठाकुर जी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और यही कारण है कि बाहर से किसी भी प्रकार की सामग्री लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
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Mathura Dwarkadhish Temple परिसर में हर दिन ठाकुर जी के लिए विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे सेवायत बिना किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आए तैयार करते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भोग शुद्ध रहे और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से बचा जाए। सर्दी के मौसम में ठाकुर जी को गर्म व्यंजन जैसे खिचड़ी, हलवा और केसरदार खीर का भोग चढ़ाया जाता है। ये व्यंजन उन्हें ठंड से बचाने में मदद करते हैं।
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राकेश तिवारी, द्वारकाधीश मंदिर के सेवायत ने कहा कि मंदिर की परंपराओं के अनुसार, ठाकुर जी की सेवा बहुत ही पवित्र होती है। सेवायत बिना सिले हुए कपड़े पहनते हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क नहीं होने देते। उनका मुख्य उद्देश्य ठाकुर जी की सेवा में शुद्धता बनाए रखना है।
इस निर्णय के बाद, Mathura Dwarkadhish Temple प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब केवल मंदिर में बनी सामग्री ही ठाकुर जी को अर्पित की जाएगी, ताकि उनकी सेवा में कोई कमी न हो और धार्मिक परंपराओं का पालन सुनिश्चित किया जा सके।