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बाबा साहेब मामले में सामने आई मायावती, बीजेपी-कांग्रेस और सपा पर बोला बड़ा हमला

Mayawati
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BSP chief Mayawati: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है। बाबा साहब को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियां सिर्फ उनकी उपेक्षा करती हैं, जबकि बीएसपी सरकार के दौरान ही बहुजन समाज में जन्मे महान संतों और महापुरुषों को सम्मान मिला, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा माामला।

मायावती ने एक्स पर क्या बोली?

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मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “संसद में अमित शाह द्वारा पूज्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति किए गए अनादर को लेकर पूरे देश में लोगों में भारी आक्रोश है, लेकिन हमेशा उनकी उपेक्षा और देशहित में उनके संघर्ष को चोट पहुंचाने वाली कांग्रेस पार्टी की इस मामले में जल्दबाजी सरासर छलावा और स्वार्थी राजनीति है।” उन्होंने आगे लिखा कि, “कांग्रेस व भाजपा जैसी पार्टियां बाबा साहब के नाम पर उनके अनुयायियों के वोटों की स्वार्थी राजनीति करने में एक ही पंख की चिड़िया हैं तथा सभी पार्टियां बाबा साहब के स्वाभिमान के कारवां को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बसपा को नुकसान पहुंचाने की साजिश में लगी हुई हैं।”

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बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “वास्तव में बाबा साहब सहित बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं, महापुरुषों को पूरा सम्मान बसपा सरकार में ही मिला, जिसे ये जातिवादी पार्टियां पचा नहीं पा रही हैं। खास तौर पर सपा ने द्वेषवश नए जिलों, नई संस्थाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं आदि के नाम बदले हैं।

‘पार्टियां बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल करती हैं’

इसके साथ ही मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ही पार्टियां बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनकी नीतियां समाज के गरीब और वंचित वर्ग के हित में नहीं हैं। बसपा का आरोप है कि इन जातिवादी पार्टियों ने बाबा साहब के आदर्शों का सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए दोहन किया है, जबकि उनके सम्मान में ठोस कदम सिर्फ उनकी सरकार में ही उठाए गए थे। बसपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधते हुए हाल ही में कई जिलों और संस्थाओं के नाम बदलने का आरोप लगाया। बसपा का कहना है कि सपा ने द्वेषवश काम करते हुए नए जिलों और योजनाओं के नाम बदले हैं, ताकि बहुजन समाज के प्रतीकों और उनके महत्व को नकारा जा सके।

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