Meerut crime: मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गोविंदपुरी गांव में शनिवार की रात एक अप्रत्याशित घटना घटी जब नशे में धुत दो दरोगा अवैध वसूली के इरादे से पहुंचे। इन दरोगाओं ने पटाखों की बिक्री के नाम पर पिंटू नामक व्यक्ति से पैसे मांगने की कोशिश की। मामला उस समय गंभीर हो गया जब एक बुजुर्ग महिला ने इस वसूली का विरोध किया और उसे थप्पड़ मारा गया। हरेंद्र नाम के ग्रामीण ने जब महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार का विरोध किया, तो उसे भी दरोगाओं ने थप्पड़ मार दिया। यह घटनाक्रम गांववालों के गुस्से की चिंगारी बन गया।
गांव में बढ़ते हंगामे के बीच, ग्रामीण बड़ी संख्या में एकत्र हो गए और दोनों दरोगाओं – सतेंद्र और ट्रेनी शिवम – को बंधक बना लिया। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि दरोगाओं ने अपना पिस्तौल निकालकर लोगों को धमकाने की कोशिश की, लेकिन यह भी काम नहीं आया। ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और बंधक बना लिया।
मेरठ : ग्रामीणों ने दो दरोगाओं को बंधक बनाकर पीटा
अवैध पटाखों की बिक्री के दौरान वसूली का आरोप
ग्रामीणों ने दोनों पर शराब पीने का आरोप लगाया
दोनों पूर्व थाने से फरार हो गए
परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गोविंदपुरी गांव का मामला#Meerut @meerutpolice @DmMeerut pic.twitter.com/tu1VEBk4TM
— News1India (@News1IndiaTweet) November 4, 2024
तीन घंटे तक बंधक, पुलिस फोर्स की एंट्री
जैसे ही घटना की सूचना फैली, सीओ सदर देहात ने परीक्षितगढ़, मवाना, किठौर और भावनपुर थानों से भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने सतेंद्र पर पहले भी दुकानदारों से अवैध वसूली के आरोप लगाए और बताया कि वह लंबे समय से लोगों को धमकाता रहा है।
लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद Meerut पुलिस ने दोनों दरोगाओं को छुड़वा लिया। हालांकि, मेडिकल जांच के लिए ले जाने से पहले ही दोनों दरोगा थाने से फरार हो गए, जिससे पुलिस की साख पर फिर से सवाल खड़े हो गए।
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दरोगा सतेंद्र का विवादित अतीत
यह पहली बार नहीं था जब सतेंद्र पर आरोप लगे हों। किठौर थाने में तैनाती के दौरान भी उसके खिलाफ वसूली के आरोप लगाए जा चुके थे। इसके अलावा, राधना गांव में एनआईए की रेड के दौरान भी सतेंद्र पर सूचना लीक करने के आरोप थे, जिससे अवैध हथियारों के कारोबारी बच निकलते थे।
मेरठ की इस घटना ने एक बार फिर Meerut पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग उठने लगी है।