Meerut: मेरठ के परीक्षितगढ़ में वसूलीबाज पुलिसकर्मियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने डॉयल 112 के जरिए झूठी कॉल कर अवैध वसूली की थी। एसएसपी विपिन ताडा ने इस गिरोह के पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और उनके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। यह पुलिसकर्मी कंट्रोल रूम में खुद ही झूठी सूचनाएं देते थे और फिर मौके पर जाकर वसूली करते थे। घटना का खुलासा एक राहगीर की शिकायत के बाद हुआ, जिसने पुलिस के झूठे दावों को सामने लाया। इस गंभीर मामले ने पुलिस महकमे को शर्मसार किया है।
Meerut पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन पांचों पुलिसकर्मियों का यह गिरोह पीआरबी में तैनात था और वे दो शिफ्टों में गश्त करते थे। गश्त के दौरान, ये खुद किसी राहगीर के फोन से कंट्रोल रूम को कॉल करते थे और वहां किसी अपराध की सूचना देते थे। क्योंकि ये खुद ही घटनास्थल के निकट होते थे, इसलिए इनकी लोकेशन से जुड़ी कंप्लेंट इन्हें ही मिल जाती थी। इसके बाद, ये मौके पर जाकर अवैध वसूली करते और पुनः कंट्रोल रूम में फोन करके उस शिकायत को क्लोज कर देते थे।
इस गिरोह में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार, चालक राजन, और होमगार्ड सुशील कुमार के रूप में की गई है। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक राहगीर ने कंट्रोल रूम को सूचित किया कि उसे कॉल मिली थी, लेकिन यह कॉल पुलिसकर्मियों ने उसकी अनुमति के बिना की थी। इस सूचना ने नियंत्रण कक्ष में संदेह पैदा किया और एसएसपी मेरठ को मामले की जांच के लिए सूचित किया गया।
Meerut एसएसपी विपिन ताडा ने कहा कि आरोपियों को सस्पेंड करने के साथ ही धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि होमगार्ड के खिलाफ रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए कमांडेंट को भेजी गई है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और आरोपियों के खिलाफ विधिक और विधाई कार्रवाई की जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि किस तरह से कुछ पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे आम जनता का विश्वास टूटता है। पुलिस महकमे में ऐसे मामलों की जांच और सुधार की आवश्यकता है, ताकि जनता का भरोसा पुनः स्थापित किया जा सके।