Aligarh News : अलीगढ़ के नुमाइश ग्राउंड में आगामी दशहरा पर्व के उपलक्ष में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन होना है। इस साल की तैयारी में एक अनूठा और विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें सरकारी मोहर लगी बेसिक शिक्षा विभाग की किताबों का इस्तेमाल पुतलों को बनाने में किया गया है।
सरकारी किताबें बच्चों के लिए बनी रद्दी
सरकारी किताबें, जिन्हें जनता की मेहनत की कमाई से बेसिक शिक्षा विभाग तक पहुंचाया गया था, का उद्देश्य गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना था। यह किताबें उन्हें पढ़ाई के लिए दी जाती थीं ताकि वे ज्ञान अर्जित कर सकें। लेकिन अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा विभाग ने इन किताबों को रद्दी के भाव बेचा, जिससे यह गंभीर दुरुपयोग उजागर हुआ है।
किताबों की बिक्री का रहस्य
खबरों के अनुसार, अलीगढ़ में पुतले बनाने वाले शौकत अली ने बताया कि उन्होंने यह किताबें 30 से 35 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीदीं। पुतले बनाने के लिए इन किताबों के अलावा अन्य कागज़ की सामग्री भी इस्तेमाल की गई। यह तथ्य अत्यंत निंदनीय है कि सरकारी किताबों का उपयोग इस तरह से किया गया है, जिन पर बच्चों के नाम तक अंकित नहीं हुए हैं।
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री संदीप सिंह अलीगढ़ जनपद के निवासी हैं। उनके गृह क्षेत्र में इस तरह की बड़ी लापरवाही सामने आना सवाल उठाता है कि कैसे इस प्रकार की दुरुपयोग की स्थिति उत्पन्न हो गई।