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Thursday, October 17, 2024
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मोदी मैजिक बरकरार, मंत्री नहीं कर पाए एक हज़ार भी पार

Report: मोहसिन खान

दिल्ली: कोई दो राय नहीं है कि यूपी में योगी ही उपयोगी है तो देश में मोदी मैजिक बरकरार है और ये बात एक बार फिर भाजपा के सदस्यता अभियान के पहले चरण ने साबित कर दी है। 2 सितंबर से 25 सितंबर तक देश भर में पहले चरण के सदस्यता अभियान की समीक्षा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के 33 सांसदों को पीछे करके बाज़ी मार ली। पीएम मोदी ने 27,425 सदस्य बनाएं, जबकि उनकी ही सरकार में यूपी से आने वाले मंत्री एक हज़ार के आंकड़े को भी नहीं छू पाए। केन्द्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह 959, जितिन प्रसाद 887, कमलेश पासवान 646, पंकज चौधरी 458, राजनाथ सिंह 386 और एसपी बघेल 174 सदस्य ही बना पाए, कमोबेश ऐसा ही हाल पूर्व केन्द्रिय मंत्रियों का भी है,
पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी 117, डॉ संजीव बालियान 678 और महेन्द्रनाथ पांडेय 112, साध्वी निरंजन ज्योति 902, कौशल किशोर 11 और अजय मिश्रा टेनी 197 सदस्य ही जोड़ पाए है।

देशभर में 10 करोड़ सदस्य बनाने का है लक्ष्य, पहले फेज़ में टॉप पर यूपी

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भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में 10 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है और सबसे बड़ी बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन में डेढ करोड़ सदस्य बनाकर उत्तर प्रदेश टॉप पर है, जबकि बाकी राज्यों का रिपोर्ट कार्ड कुछ ख़ास नहीं है, इसके पीछे वजह ये मानी जा रही है कि केन्द्रिय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मंत्री, सांसद, विधायक और प्रदेश पदाधिकारी सदस्यता अभियान में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है, चर्चाएं ये भी है कि माननीय ये मान रहे है कि सदस्य बनाने से उनके राजनीतिक भविष्य पर कुछ खास असर नहीं पड़ने वाला है। वहीं पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्त्ता सदस्यता अभियान में ना केवल दमखम दिखा रहे है बल्कि किसी पद मिलने की आस में पार्टी के साथ नए सदस्य जोड़ने के लिए गली मौहल्लों में ख़ाक छान रहे है।

उप-चुनावों वाली सीटों पर ‘मीरापुर’ का मिजाज़ ख़राब

यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर आगामी दिनों में उप चुनाव होना है, हालाकि तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है। अगर उप चुनाव वाली विधानसभा सीटों पर सदस्यता अभियान की बात करते है तो गाजियाबाद सदर सीट को छोड़कर बाकी 9 सीटों पर अभियान का खास असर दिखाई नहीं दिया जबकि माना ये जाता है कि यूपी की प्रत्येक विधानसभा में एक औसत के तौर पर चार लाख मतदाता है। लेकिन सदस्य बनाने के मामले में ये दस प्रतिशत तक भी नहीं पहुंचा, जबकि मीरापुर विधानसभा सीट का हाल तो सबसे बुरा है वहीं गाज़ियाबाद सदर सीट
पर 81,694, मिल्कीपुर 39,315, कटेहरी 30,083, मझंवा 26,341, कुंदरकी 25,726, फूलपुर 21,361, करहल 20,064, सीसामउ 19,078, खैर 18,094 और मीरापुर में 9880 सदस्य ही बने है।

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