MP conversion Act: मध्यप्रदेश सरकार ने जबरन धर्मांतरण के मामलों पर सख्त कदम उठाते हुए फांसी की सजा का प्रावधान करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में बदलाव कर यह प्रावधान किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
VIDEO | "Our government will not tolerate religious conversions. Those who are involved in religious conversions will be hanged till death," says Madhya Pradesh CM Mohan Yadav (@DrMohanYadav51).
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— Press Trust of India (@PTI_News) March 8, 2025
महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता और सम्मान
महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में MP मुख्यमंत्री ने 1.27 करोड़ महिलाओं को 1552.73 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अलावा, 26 लाख महिलाओं के खातों में गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लिए 55.95 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया। पुरस्कार पाने वालों में राष्ट्रमाता पद्मावती पुरस्कार, राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार, रानी अवंती बाई वीरता पुरस्कार और श्री विष्णु कुमार महिला एवं बाल कल्याण समाज सेवा सम्मान शामिल थे।
दुराचारियों के लिए कठोर दंड
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मासूम बच्चियों के साथ होने वाले दुराचार के मामलों में सरकार अत्यंत कठोर रुख अपनाएगी। उन्होंने बताया कि इस तरह के अपराधों के लिए भी फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि ऐसे अपराधियों को समाज में जीने का कोई अधिकार न मिले।
धर्मांतरण पर सख्त नजर
धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन करते हुए जबरन धर्मांतरण कराने वालों को भी फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए लिया गया है। सरकार का मानना है कि इस कदम से प्रदेश में शांति और सामाजिक सौहार्द बना रहेगा।
सियासी हलकों में तेज हुई चर्चाएं
MP मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद सियासी और सामाजिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां कुछ लोग इस फैसले को MP में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला मान रहे हैं, वहीं कुछ ने इसे लेकर सवाल भी उठाए हैं। सरकार जल्द ही इस कानून को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।