Muzaffarnagar: जिले के खाद्य विभाग के कार्यालय में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ए आर ओ (सहायक खाद्य अधिकारी) और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एससी एसटी मोर्चा, राजकुमार सिद्धार्थ के बीच हुई तीखी बहस देखी जा सकती है। यह घटना उस समय हुई जब सिद्धार्थ ने ए आर ओ पर ₹6000 की मांग करने का आरोप लगाया, जबकि उन्होंने ₹3000 देने की पेशकश की थी।
सिद्धार्थ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह अपनी राशन की दुकान के लिए ए आर ओ से मिलें थे। उन्होंने कहा, “मैंने ₹3000 देने की पेशकश की, लेकिन ए आर ओ ने ₹6000 की मांग की। इसी बात पर बहस हो गई।”
इस घटना ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर किया है, खासकर तब जब भाजपा के एक नेता को अपनी ही सरकार के अधिकारियों से रिश्वत देने की जरूरत पड़ रही है। वीडियो में दोनों के बीच की बहस को देखना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि यह दर्शाता है कि राजनीतिक पार्टी के नेता भी ऐसे मामलों में फंस सकते हैं।
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स्थानीय नागरिकों (Muzaffarnagar) ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की है। कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से समाज में नकारात्मक संदेश जाता है और यह सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
भाजपा की स्थानीय इकाई ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन स्थानीय राजनीतिक हलकों में इस घटना को लेकर चर्चा तेज हो गई है। लोगों का मानना है कि यह समय है जब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाए।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से कर रहे हैं, या वे व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।