Muzaffarnagar: गंगा नदी में खुशखबरी आई है. हाल ही में हुई एक छह दिन की गिनती में 52 खूबसूरत डॉल्फिन देखी गई। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी है, जिससे हमें यह पता चलता है कि गंगा में जीवन वापस लौट रहा है। डॉल्फिनों की यह बढ़ती संख्या न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छी है, बल्कि गंगा की सफाई की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत है।
पूरा मामला
गिनती मुजफ्फरनगर से नरौरा बैराज तक की गई, जिस में घड़ियाल, मगरमच्छ, मछुए और प्रवासी पक्षि भी दर्ज की गई। स्पेशलिस्ट के अनुसार, गंगा में डॉल्फिन के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार करने में वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शिकार पर सख्ती और तस्करी पर नकेल कसने के बाद डॉल्फिन का कुनबा सुरक्षित हुआ है।
गंगा की सफाई
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए चल रहे “नमामि गंगे अभियान” के तहत नदी को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयासों का बड़ा असर दिख रहा है। इस अभियान के कारण गंगा के जल में सुधार हुआ है, जिससे जलीय जीवों को बेहतर वातावरण मिल रहा है।
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डॉल्फिन की संख्या में बड़ोतरी
पिछले चार वर्षों में गंगा में डॉल्फिन की संख्या में 11 नए सदस्यों की वृद्धि हुई है, जो संरक्षण के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। इस बार की गणना में पक्षियों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई, जिससे गंगा के जैविक विविधता में सुधार के संकेत मिलते हैं।