Myanmar earthquake: म्यांमार में भूकंप का कहर थम नहीं रहा है। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद रविवार को मांडले के पास 5.1 तीव्रता का झटका महसूस किया गया। अब तक 1,600 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 3,400 से ज्यादा लोग लापता हैं। लगातार आ रहे झटकों से लोग दहशत में हैं और सड़कों पर रातें बिताने को मजबूर हैं। भारत ने राहत एवं बचाव कार्यों में सहायता के लिए 40 टन राहत सामग्री और एनडीआरएफ की टीम भेजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात कर मदद का आश्वासन दिया।
भूकंप से मची तबाही, लोग सहमे
Myanmar में भूकंप के झटकों का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को आए भीषण भूकंप के बाद शनिवार को कई झटके महसूस किए गए, जिनमें सबसे बड़ा 6.4 तीव्रता का था। रविवार को एक और झटका आया, जिससे डर का माहौल और गहरा गया। भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं, सड़कें टूट गई हैं, और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। राहत और बचाव कार्यों में जुटी टीमें मलबे से लोगों को निकालने में जुटी हैं।
म्यांमार भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है क्योंकि यह सागाइंग फॉल्ट लाइन पर स्थित है। यह फॉल्ट इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है, जिससे यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
भारत ने भेजी मदद, बचाव कार्य तेज
भारत ने Myanmar की सहायता के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। भारतीय नौसेना के दो जहाज – आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री, 40 टन राहत सामग्री लेकर रवाना हो चुके हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसकी पुष्टि की। इसके अलावा, 80 सदस्यीय एनडीआरएफ दल भी खोज एवं बचाव कार्य के लिए म्यांमार पहुंच रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से बातचीत कर इस कठिन समय में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। भारत पहले भी आपदाओं के समय पड़ोसी देशों की मदद करता रहा है।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप तब आता है जब धरती की टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं। पृथ्वी की सतह कई प्लेटों में बंटी होती है, जो धीमी गति से हिलती रहती हैं। जब इनमें असंतुलन या दबाव बढ़ता है, तो अचानक ऊर्जा मुक्त होती है, जिससे भूकंप आते हैं।
स्थिति गंभीर, राहत कार्य जारी
Myanmar में बचाव कार्य तेज कर दिया गया है, लेकिन हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, और घायलों की संख्या बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी सहायता के लिए आगे आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में और झटके महसूस हो सकते हैं।