ICC test cricket: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सफल समापन के बाद, टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। आईसीसी के नए चेयरमैन जय शाह, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के माइक बेयर्ड और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के रिचर्ड थॉम्पसन के बीच टेस्ट क्रिकेट को दो डिवीजनों में बांटने के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। इस बदलाव का उद्देश्य भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी प्रमुख टीमों के बीच अधिक मुकाबले सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ाया जाएगा।
नए बदलाव की रूपरेखा
प्रस्तावित योजना के अनुसार, ICC test cricket को दो डिवीजनों में विभाजित किया जाएगा:
- डिवीजन 1: भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और पाकिस्तान।
- डिवीजन 2: वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, आयरलैंड, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे।
इस बदलाव का उद्देश्य टेस्ट क्रिकेट को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाना और प्रमुख टीमों के बीच अधिक मुकाबले आयोजित करना है।
बदलाव के फायदे और नुकसान
फायदे:
- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: बड़ी टीमों के बीच अधिक मैच होंगे, जिससे टेस्ट क्रिकेट की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- आर्थिक स्थिरता: प्रमुख टीमों के मुकाबले अधिक दर्शकों को आकर्षित करेंगे, जिससे प्रसारण अधिकारों का मूल्य बढ़ेगा।
- दर्शकों का आकर्षण: बड़ी टीमों के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों की रुचि बढ़ेगी।
नुकसान:
- छोटे देशों की उपेक्षा: कमजोर टीमों के लिए टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन करना मुश्किल हो सकता है।
- खेल में असमानता: यह बदलाव क्रिकेट की समानता के सिद्धांत से भटक सकता है, क्योंकि सभी टीमों को समान अवसर नहीं मिल पाएंगे।
- प्रतिस्पर्धा की कमी: केवल बड़ी टीमों के बीच मैच होने से टेस्ट क्रिकेट में विविधता का अभाव हो सकता है।
अगले कदम
इस महीने के अंत में जय शाह, माइक बेयर्ड और रिचर्ड थॉम्पसन की बैठक होने की संभावना है, जिसमें इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
ICC test cricket में प्रस्तावित बदलाव को लेकर विवाद हो सकता है, लेकिन यह निश्चित है कि इससे खेल में नई दिशा मिल सकती है। हालांकि, छोटे देशों की उपेक्षा और क्रिकेट की समग्रता पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता बनी हुई है।