UP Excise Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी देते हुए रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। सरकार ने यह कदम आबकारी विभाग से राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है। अब हवाई अड्डों की तरह प्रमुख स्टेशनों पर भी शराब की दुकानें संचालित हो सकेंगी। इसके अलावा, पहली बार 60 एमएल और 10 एमएल की विदेशी शराब की बोतलों की बिक्री की अनुमति दी गई है। सरकार का लक्ष्य 2025-26 में 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना है। वहीं, किसानों द्वारा उत्पादित फलों से बनने वाली वाइन के लिए प्रदेशभर में 75 नए आउटलेट खोले जाएंगे।
नई नीति के मुख्य बिंदु
योगी सरकार ने UP Excise Policy में कई बदलाव किए हैं, जिससे शराब की बिक्री प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके।
- रेलवे और मेट्रो स्टेशनों के मुख्य भवनों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति होगी।
- अब शराब दुकानों के प्रवेश द्वार को केवल भवन के अंदर तक सीमित रखने की बाध्यता नहीं होगी।
- 60 एमएल और 10 एमएल की विदेशी शराब की बोतलें उपलब्ध होंगी।
- देसी शराब अब एसेप्टिक ब्रिक पैक में मिलेगी, जिससे मिलावट की संभावना समाप्त होगी।
- सभी फुटकर दुकानों पर डिजिटल पेमेंट और सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य होंगे।
- ई-लॉटरी प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा और उसके बाद ई-टेंडरिंग के माध्यम से दुकानें आवंटित होंगी।
- वैयक्तिक होम लाइसेंस लेने की प्रक्रिया सरल की गई है, जिसमें वार्षिक फीस और सिक्योरिटी राशि 11,000 रुपये होगी।
पर्यटन और शहरी विकास को बढ़ावा
कैबिनेट बैठक में पर्यटन और शहरी विकास को लेकर भी कई अहम फैसले लिए गए।
- 13 ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
- लखनऊ की कोठी गुलिस्तान-ए-इरम, मथुरा का सीताराम महल और झांसी का टहरौली फोर्ट समेत कई धरोहरों का पुनर्विकास किया जाएगा।
- इन परियोजनाओं में 90 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- शाहजहांपुर को प्रदेश का 29वां विकास प्राधिकरण घोषित किया गया, जिससे सुनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के फैसलों का असर
UP Excise Policy से यूपी सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और पर्यटन स्थलों के विकास से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर शराब बिक्री को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब देखना होगा कि सरकार के ये फैसले कितनी प्रभावी ढंग से लागू होते हैं।