Noida School Rape: उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक नामी स्कूल में मासूम बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला गरमा गया है। सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सेक्टर-27 स्थित कैंब्रिज स्कूल के बाहर शनिवार को सैकड़ों अभिभावक पहुंचे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अभिभावकों को स्कूल परिसर में घुसने नहीं दिया। स्कूल प्रबंधन के इस रवैये को लेकर अभिभावकों ने स्कूल के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया। स्कूल परिसर में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ डिजिटल दुष्कर्म के मामले को लेकर अभिभावकों में गुस्सा है। अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर जवाब मांगने स्कूल प्रबंधन के पास पहुंचे। अब इस मामले में डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कमेटी बनाई है, सिटी मजिस्ट्रेट पुलिस ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी कमेटी में शामिल है, जिसके बाद जांच का रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे, इसके बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों ने स्कूल गेट पर दिया धरना
बता दें कि, मौके पर मौजूद बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधक की मनमानी देख स्कूल गेट पर ही धरना शुरू कर दिया। स्कूल प्रबंधक से मिलने पहुंचे अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधक ने मेल पर मिलने का समय दिया था। इसके बावजूद स्कूल के सुरक्षाकर्मी स्कूल प्रबंधक के निर्देश पर हमें अंदर मिलने नहीं दे रहे हैं। घंटों इंतजार करने के बाद मौके पर मौजूद अभिभावक स्कूल प्रशासन की मनमानी देख भड़क गए। एक अभिभावक का कहना है कि कक्षा में जूनियर विंग के बच्चों की देखभाल के लिए महिला स्टाफ होना चाहिए। उनका आरोप है कि हम स्कूल प्रबंधन से मिलकर बच्चों की सुरक्षा के बारे में बात करना चाहते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन हमसे मिलना भी नहीं चाहता, अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रहा। हमारे बच्चे यहां सुरक्षित नहीं हैं।
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कुछ दिन पहले मासूम के साथ हुई थी दरिंदगी
मामले को लेकर एक अन्य अभिभावक का कहना है कि स्कूल प्रबंधन को अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगनी चाहिए। अभिभावकों को बुलाकर स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा के बारे में बात करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो, इसके लिए नियम और कानून बनाए जाने चाहिए। एक छात्रा की मां ने कहा कि हम शांति से बैठकर बात करना चाहते हैं। हम ऑफिस से छुट्टी लेकर उनसे मिलने आए हैं, लेकिन ये लोग स्कूल से छुट्टी लेकर भाग गए। इससे पता चलता है कि स्कूल प्रशासन अपनी गलती नहीं मानता और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों से मिलना भी नहीं चाहता। वहीं एक अभिभावक ने कहा कि कुछ दिन पहले स्कूल परिसर में साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी। स्कूल प्रिंसिपल की वेबसाइट से एक ईमेल आया कि छात्रा के साथ यौन शोषण हुआ है। मेल में पूरी कहानी नहीं बताई गई। पूरा मामला घटना के कुछ दिन बाद तब सामने आया जब वह स्कूल के एक ग्रुप में शामिल हुई।
शिकायत करने पर टीचर ने मासूम को धमकाया
अभिभावकों का आरोप है कि लड़की के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। जब पहली बार यह घटना हुई तो लड़की ने अपनी स्कूल टीचर को बताया, लेकिन टीचर ने कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा मासूम लड़की को डरा धमका दिया। टीचर ने पीड़ित लड़की को धमकाया और कहा कि अगर उसने घर पर किसी को इस घटना के बारे में बताया तो वह उसे बुरी तरह पीटेगी। इसके बाद लड़की ने कुछ नहीं बताया। फिर दूसरी बार हाउसकीपिंग स्टाफ लड़की को मेडिकल रूम में ले गया, जहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की के रोने की आवाज सुनकर जब स्कूल स्टाफ वहां पहुंचा तो देखा कि लड़की बहुत बुरी तरह रो रही थी और आरोपी भाग गया। आज यानी शनिवार को स्कूल प्रिंसिपल के साथ अभिभावकों की मीटिंग थी, जिसे कैंसिल कर दिया गया, क्योंकि उन्हें पता था कि अभिभावक आएंगे और गुस्सा करेंगे और उनसे सवाल करेंगे।
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