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Thursday, October 17, 2024
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Noida: Stronghold of Cyber ​​Crime, अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले 43 लोग गिरफ्तार

नोएडा में Cyber ​​Crime का खुलासा: दो फर्जी कॉल सेंटरों (Fake call Centres) से अमेरिकी नागरिकों से ठगी, 43 आरोपी गिरफ्तार

Noida: नोएडा में एक बड़ा साइबर क्राइम रैकेट पकड़ा गया है, जिसमें दो Fake call center के जरिए अमेरिकी नागरिकों से लाखों रुपये की ठगी की जा रही थी। नोएडा के थाना-फेज 3 और थाना सेक्टर-63 की पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 14 महिलाएं भी शामिल हैं। यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था, उनके कंप्यूटर और सिस्टम में छेड़छाड़ कर पॉप-अप मैसेज भेजकर उनके बैंक खातों की जानकारी चुरा लेता था। गिरोह का संचालन सागर नाम का एक व्यक्ति कर रहा था, जो इन कॉल सेंटरों का प्रमुख बताया जा रहा है।

कैसे होती थी ठगी?

गिरोह के लोग अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम में गड़बड़ी पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर ईमेल भेजते थे। ये Email Click करते ही लोगों के Computer or laptop में तकनीकी समस्याएं शुरू हो जाती थीं। इसके बाद यह गिरोह खुद को “माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट” (“Microsoft Certified Cyber ​​Expert”) बताकर उनसे संपर्क करता था। पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि उनका कंप्यूटर या लैपटॉप गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, और उसे ठीक करने के लिए तुरंत मदद की जरूरत है।

गिरोह के सदस्य पॉप-अप मैसेज (Pop-up messages) के जरिए पीड़ितों को डराते थे कि अगर वे जल्द ही इस समस्या को ठीक नहीं करते हैं, तो उन्हें बड़ी वित्तीय हानि हो सकती है। फिर वे एक लिंक भेजते थे, जिस पर क्लिक करने से पीड़ित का कंप्यूटर या लैपटॉप पूरी तरह से उनके नियंत्रण में आ जाता था। इसके लिए ये लोग “टीम विवर”, “एनी डेस्क” और “अल्ट्रा विवर” (“Team Viewer”, “Any Desk” and “Ultra Viewer”) जैसे Software का इस्तेमाल करते थे, जो Remote Access देते हैं। इसके बाद वे पीड़ितों के बैंक खातों की जानकारी चुरा लेते थे और उनसे सर्विस चार्ज के रूप में मोटी रकम वसूलते थे।

फर्जी दस्तावेज और क्रिप्टो करेंसी का खेल

डीसीपी नोएडा सेंट्रल, शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी दी कि ठगी करने के लिए गिरोह के सदस्य Federal Reserve System के फर्जी दस्तावेज बनाते थे। पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि यह documents सही हैं, और इसी के आधार पर उनसे पैसे की मांग की जाती थी। ठगी की रकम Crypto currency, bitcoin या Gift Card के जरिए ली जाती थी। गिरोह Barcode भेजकर पीड़ितों से बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी में पैसे Transfer करवा लेता था।

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इसके अलावा, गिरोह अमेरिकी नागरिकों को यह डर दिखाता था कि उनका सोशल सिक्योरिटी नंबर किसी आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हो रहा है, जिससे उन्हें जेल हो सकती है। इस डर से American Citizen इनके जाल में फंस जाते थे और बिना ज्यादा सवाल किए रकम देने को तैयार हो जाते थे।

गिरफ्तार आरोपी और उनके काम करने का तरीका

गिरफ्तार किए गए लोगों में ज्यादातर युवा North-East भारत के हैं। इनकी अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ थी, जिससे वे अमेरिकी नागरिकों से आसानी से बात कर लेते थे और उन्हें विश्वास दिला देते थे कि वे अमेरिकी नागरिक हैं। ये लोग खुद को तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में पेश करते थे और इस तरह से बात करते थे कि सामने वाला व्यक्ति इनकी बातों में आ जाता था।

इस रैकेट को चलाने वाला मुख्य आरोपी सागर बताया जा रहा है, जो इन दोनों कॉल सेंटरों का संचालन कर रहा था। पुलिस ने इन कॉल सेंटरों से 66 लैपटॉप, 37 हैंडसेट, 13 मोबाइल फोन, और लैपटॉप चार्जर (66 laptops, 37 handsets, 13 mobile phones, and laptop chargers) बरामद किए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

नोएडा पुलिस ने इन दोनों कॉल सेंटरों पर छापा मारकर 43 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 14 महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस गिरोह का नेटवर्क (Gang network) कितना बड़ा है और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।

पुलिस ने इन आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये लोग कब से इस तरह की ठगी कर रहे थे और कितने लोगों को अब तक अपना शिकार बना चुके हैं।

निष्कर्ष

इस घटना ने नोएडा में Cyber ​​Crime की गंभीरता को उजागर किया है। fake call centers के जरिए किए जा रहे इस तरह के अपराधों से न केवल विदेशी नागरिकों (Foreign Nationals) को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए भी एक बड़ा खतरा है। पुलिस की इस कार्रवाई से जहां एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है, वहीं यह भी जरूरी है कि लोग इस तरह की ठगी से खुद को बचाने के लिए अधिक जागरूक रहें।

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