डायाफ्राम वॉल तकनीक एक अत्याधुनिक निर्माण विधि
बता दें कि, डायाफ्राम वॉल तकनीक एक अत्याधुनिक निर्माण विधि है, जिसका इस्तेमाल जमीन के अंदर गहरी दीवारें बनाने के लिए किया जाता है। इसमें खास तौर पर भूजल प्रवाह को रोकने के लिए कंक्रीट की दीवारें बनाई जाती हैं जो अत्यधिक दबाव और पानी के बहाव को झेल सकती हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल अंडरपास, सुरंग और पुलों के निर्माण में किया जाता है।
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अंडरपास बनाने में किया जाता तकनीक का इस्तेमाल
पुशबॉक्स तकनीक में अंडरपास के निर्माण के दौरान एक खास तरह के बॉक्स को जमीन के नीचे दबाया जाता है। इस बॉक्स को पहले से तैयार किया जाता है और फिर इसे जमीन के अंदर दबाव को झेलते हुए डाला जाता है। हालांकि यह तकनीक कारगर है, लेकिन कुछ मामलों में यह डायाफ्राम तकनीक से कम स्थिर होती है। जब इस तकनीक का इस्तेमाल अंडरपास बनाने में किया जाता है, तो ऊपर की सड़क के ढहने की समस्या पैदा हो जाती है।
डायाफ्राम तकनीक के कई फायदे हैं
डायाफ्राम दीवारें भूजल को रोकने के साथ-साथ ऊपर की सड़क या मिट्टी को खिसकने से रोकने में ज़्यादा कारगर हैं। इससे जल स्तर में होने वाले बदलावों के कारण निर्माण कार्य में कोई रुकावट नहीं आती और अंडरपास की संरचना ज़्यादा स्थिर रहती है। पुशबॉक्स तकनीक में पानी के बहाव को नियंत्रित करना एक चुनौती हो सकती है, खास तौर पर गहरे अंडरपास में। डायाफ्राम दीवार को ज़मीन की बहुत गहरी परतों तक बनाया जा सकता है, जो अंडरपास निर्माण को अत्यधिक दबाव और पानी के प्रभाव से बचाती है। यह उन क्षेत्रों में ख़ास तौर पर फ़ायदेमंद है जहाँ भूविज्ञान ज़्यादा कठिन है या पानी का स्तर बहुत ज़्यादा है।
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