Artificial Rain: नोएडा में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण सोसायटी निवासियों ने इसे रोकने के लिए खुद ही प्रयास शुरू कर दिए हैं। आरडब्ल्यूए और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) की देखरेख में अलग-अलग सेक्टरों की सोसायटी के लोग अपने स्तर पर पानी का छिड़काव कर प्रदूषण के असर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
कृत्रिम बारिश से मिली लोगों को राहत
बता दें कि, नोएडा के सेक्टर-100 की लोटस बुलेवार्ड सोसायटी, सेक्टर-34 आरडब्ल्यूए, सेक्टर-74 की केपटाउन सोसायटी और सेक्टर-168 की गोल्डन पाम सोसायटी ने होज पाइप की मदद से सोसायटी के अंदर और आसपास कृत्रिम बारिश कराई। यह छिड़काव खास तौर पर सोसायटी की छतों, सड़कों और कॉमन एरिया पर किया गया, जिससे हवा में मौजूद धूल के कण जमीन पर बैठ गए। इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ और निवासियों को कुछ राहत मिली। सेक्टर-168 की गोल्डन पाम सोसायटी के निवासियों ने भी पहल की और होज पाइप की मदद से पेड़ों और सड़कों पर जमी धूल को हटाने की कोशिश की। उन्होंने सड़कों और आम इलाकों में पानी का छिड़काव किया, जिससे धूल कम हुई और लोगों को सांस लेने में आसानी हुई।
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नगर निगम और प्रशासन ने उठाया ये बड़ा कदम
नोएडा में नगर निगम और स्थानीय प्रशासन भी प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास कर रहा है। 5 स्प्रिंकलर टैंकरों की मदद से शहर में 125 किलोमीटर की लंबाई में रोजाना पानी का छिड़काव किया जा रहा है। नोएडा के सीईओ ने इस पानी के छिड़काव को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा शहर में 104 एंटी स्मॉग गन, 12 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से रोजाना सड़कों की सफाई की जा रही है।
सांस की समस्या वाले मरीजो की संख्या बढ़ी
बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण शहर के जिला अस्पताल में सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल के आपातकालीन विभाग में रोजाना 8 से 10 मरीज सांस लेने में तकलीफ के कारण पहुंच रहे हैं। ओपीडी में भी 250 से ज्यादा मरीज सांस की समस्या के इलाज के लिए आ रहे हैं। इसी तरह भंगेल सीएचसी और चाइल्ड पीजीआई में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है, हालांकि वायु प्रदूषण से सीधे प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या अभी कम है।