NBCC: उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक प्रोजेक्ट के खरीदारों का संघर्ष बढ़ता जा रहा है। लाखों रुपये के कर्ज में डूबे ये लोग, जो अपने सपनों के घर के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं, अब सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठा रहे हैं। इनमें से कई ने सुपरटेक के ईकोविलेज प्रोजेक्ट में निवेश किया है, और उनकी परेशानी का कारण है अधूरे प्रोजेक्ट। कोरोना काल के दौरान कई खरीदारों का निधन हो चुका है, और उनके परिजन अब प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके सपनों का घर पूरा हो सके।
एनबीसीसी का हस्तक्षेप
नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NBCC) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने सुपरटेक के सभी 17 प्रोजेक्ट्स का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा है। एनबीसीसी ने बताया कि उन्होंने आम्रपाली प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है, और अब सुपरटेक के प्रोजेक्ट्स को भी पूरा करने का जिम्मा लेने को तैयार हैं। इनके तहत 50,000 से अधिक निवेशक शामिल हैं।
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सोशल मीडिया पर आक्रोश
सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने की मांग कर रहे होम बायर्स सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। बुधवार शाम तक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 30,000 से अधिक पोस्ट डाली गई हैं। खरीदारों में परोमिता बनर्जी, राजीव प्रसाद, और अन्य कई लोग शामिल हैं, जो वर्षों से अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
एनबीसीसी का तीन साल का वादा
NBCC ने कोर्ट में आश्वासन दिया है कि वे सुपरटेक की परियोजनाओं को तीन साल के भीतर पूरा करेंगे। उन्होंने तीन चरणों में परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव दिया है। पहले चरण में ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज-2, नोएडा के रोमानो और कैपेटाउन प्रोजेक्ट शामिल हैं। दूसरे चरण में नॉर्थआई (नोएडा) और मेरठ स्पोर्ट्स सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स को लिया जाएगा, जबकि तीसरे चरण में गुरुग्राम और बेंगलुरु में विभिन्न परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।
इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, होम बायर्स अब एनबीसीसी से उम्मीद कर रहे हैं कि उनके सपनों का घर जल्द ही वास्तविकता बन सके।