Noida : दीवाली की रात नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटियों में कई भीषण आग लगने की घटनाएं हुईं, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। रातभर में कुल चार हाउसिंग सोसायटीज में आग लगने की घटनाएं घटित हुईं, जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है। इन हादसों के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा में आग से मची दहशत
सबसे बड़ा हादसा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक ईकोविलेज 1 सोसाइटी में हुआ, जहां जे टावर की 17वीं मंजिल पर अचानक आग लग गई। आग ने तेजी से फैलकर 18वीं और 19वीं मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतनी ऊँची थीं कि वे दूर-दूर से नजर आ रही थीं, जिसके कारण सोसाइटी के लोग डर के मारे टावर के नीचे इकट्ठा हो गए। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई और आग बुझाने का काम जारी है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण पटाखों को माना जा रहा है, जिन्हें दीवाली की रात को लोग अपने फ्लैट्स को सजाने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।
जलते दीपक से लग गई आग
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समृद्धि ग्रैंड एवेन्यू सोसायटी के एम टावर में भी एक हादसा हुआ। 13वीं मंजिल के एक फ्लैट में दीपक के कारण आग लग गई, जिससे टावर के निवासी घबरा गए। बिसरख कोतवाली क्षेत्र में आने वाले इस इलाके के लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। दमकलकर्मियों की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया और किसी भी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। एहतियात के तौर पर फ्लैट के आसपास के एरिया को खाली करा लिया गया।
नोएडा सेक्टर-120 में स्थित आम्रपाली जॉडियक सोसायटी के डी टावर में भी 11वीं मंजिल पर एक फ्लैट में आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह आग दिवाली के दीयों से लगने की संभावना है। आग के कारण फ्लैट से लपटें उठने लगीं, जिससे लोग भयभीत होकर पास के निवासी टावर के नीचे इकट्ठा हो गए। दमकलकर्मी यहां भी आग बुझाने में लगे हुए थे, और राहत की बात यह रही कि कोई भी हताहत नहीं हुआ। इस हादसे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
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दीवाली की रात एक के बाद एक चार सोसाइटीज में लगी आग की घटनाओं ने हाउसिंग सोसायटीज में अग्निशमन सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर गंभीर संदेह उत्पन्न कर दिए हैं। इन हादसों के बाद सोसाइटी के निवासियों में भय और निराशा का माहौल बना हुआ है। प्रशासन और स्थानीय निकायों के लिए ये घटनाएं एक चेतावनी के तौर पर हैं कि सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।