विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्टाफ और अभिभावकों को किया गया जागरूक
लखनऊ: 28 सितंबर: योगी सरकार की स्वच्छता पर जोर देने वाली नीतियों का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है। प्रदेशभर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का जो बीड़ा उठाया गया है, उसमें नवयुवक और विद्यार्थी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
155 घंटे चला ‘नॉन-स्टॉप सफाई अभियान’ 5000 स्कूलों के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने ली भागीदारी
उत्तर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’ थीम के तहत आयोजित ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान – 2024’ के अंतर्गत ‘155 घंटे के नॉन-स्टॉप सफाई अभियान’ के दौरान उत्तर प्रदेश के करीब 5000 स्कूलों और कॉलेजों के एक लाख से अधिक छात्रों ने सक्रिय भागीदारी ली है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल सफाई कार्यों को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी जागृत करना है। इन आयोजनों का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्टाफ और अभिभावकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों ने ‘स्वच्छता शपथ’ ली औरऔर अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
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नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता, स्वच्छता रैलियां, पौधरोपण और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे आयोजनों के जरिए न केवल विद्यार्थियों में बल्कि आम जनमानस में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया। इस पहल के जरिए स्वच्छता को न केवल व्यवहार में उतारा जा रहा है, बल्कि इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा भी बनाया जा रहा है।
‘स्वच्छ स्कूल’ का चयन कर उन्हें पुरस्कार दिए गये
अभियान के दौरान सबसे ‘स्वच्छ स्कूलो’ का भी चयन पकिया गया और बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया गया। इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि जब युवा पीढ़ी किसी सामाजिक अभियान का हिस्सा बनती है, तो उसका प्रभाव व्यापक और स्थायी होता है।
साकार हो रहा महात्मा गांधी का सपना
योगी सरकार का यह अभियान महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस मुहिम के तहत युवाओं को स्वच्छता का सच्चा सारथी बनाने की कोशिश की जा रही है, जो भविष्य में स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान देंगे।
यह पहल दिखाती है कि जब सरकार, शिक्षण संस्थान और युवा मिलकर काम करते हैं, तो स्वच्छता जैसे बड़े सामाजिक परिवर्तन को भी साकार किया जा सकता है।