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उद्घाटन के तीन दिन बाद ही दरारों से जूझ रहा जेपी गंगा पथ: निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल

Patna

Patna JP Setu: पटना में हाल ही में शुरू हुआ जेपी गंगा पथ एक बार फिर से राज्य में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर बहस के केंद्र में आ गया है। 3831 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अप्रैल को किया था, लेकिन केवल तीन दिन बाद ही इस पुल में गंभीर दरारें देखने को मिली हैं। दीदारगंज इलाके में पिलर नंबर A-3 के पास ब्रिज की दोनों लेनों में दरारें आना सरकार की कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है।

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यह ब्रिज Patna के कंगन घाट से दीदारगंज तक फैला हुआ है और राजधानी Patna के ट्रैफिक को नया विकल्प देने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। इसके उद्घाटन के समय राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पथ निर्माण मंत्री और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। लेकिन जैसे ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, कुछ ही दिनों में दरारें नजर आने लगीं, जिससे लोगों में डर और नाराजगी फैल गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की दरारें निर्माण की गुणवत्ता पर सीधा सवाल खड़ा करती हैं। आम जनता का यह भी कहना है कि चुनावी माहौल को देखते हुए जल्दबाजी में उद्घाटन कर दिया गया, जबकि परियोजना शायद पूरी तरह से तैयार नहीं थी। उद्घाटन के दिन तेज आंधी और बारिश के बावजूद मुख्यमंत्री का कार्यक्रम में पहुंचना यह संकेत देता है कि तकनीकी परीक्षणों को या तो नजरअंदाज किया गया या अधूरा छोड़ा गया।

यह पहली बार नहीं है जब बिहार में किसी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी कई पुलों के गिरने, सड़कों के धंसने और निर्माण कार्यों में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। इस घटना ने राज्य में निर्माण परियोजनाओं की विश्वसनीयता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

जेपी गंगा पथ Patna की दरारें इस बात का संकेत हैं कि सरकार को अब निर्माण की गुणवत्ता, निगरानी व्यवस्था और जवाबदेही पर गंभीरता से ध्यान देना होगा, वरना जनता का भरोसा इन परियोजनाओं से उठता जाएगा।

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