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Tuesday, October 22, 2024
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हाल-ए-उपचुनावः- फूलपुर में कांटे ही कांटे, क्या बसपा बिगाड सकती है एसपी का खेल!

मोहसिन खान

प्रयागराज:  The Mid Post की खास प्रस्तुति हाल-ए-उपचुनाव में प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट का पूरा समीकरण, 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा और राजनीतिक दलों के लिए जितना आसान इस सीट को माना जा रहा है, दरअसल ज़मीनी हकीकत में उतना आसान नहीं है। या यूं कहे कि फूलपुर विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के लिए कांटे ही कांटे है और इन कांटों को छांटकर उसमें से ही जीत की राह निकालनी होगी। हालाकि फूलपुर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच माना जा रहा है लेकिन बीएसपी के उपचुनाव में आने से मुकाबला त्रिकोणीय भी हो सकता है।

बसपा बिगाड सकती है सपा का गणित

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीतकर लगातार दूसरी बार विधायक बने प्रवीण पटेल को पार्टी ने 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ाया और वो जीतकर लोकसभा पहुंच गए, विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सभी की नजरें टिकी है। पहले आपको मोटा मोटा गणित बता देते है, 2017 में प्रवीण पटेल ने 16,613 वोटो से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर घट गया और वो केवल 2732 वोटों से ही जीत पाए, अब उपचुनाव में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और उसको उम्मीद है कि 2022 के तीन हज़ार से कम के अंतर को खत्म किया जा सकता है और थोड़ी मेहनत की जाए तो सीट निकल सकती है। लेकिन इन सबके बीच में सबसे बड़ा रोड़ा बहुजन समाज पार्टी बनी हुई और उसके आने से बीजेपी और सपा दोनों के ही समीकरण बदल सकते है, दरअसल मायावती के चुनाव में आने से फूलपुर विधानसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोटर्स का सपा और बसपा में बंटवारा हो सकता है और अगर वोटो का धु्रवीकरण होता है तो फिर कांग्रेस के साथ मिलकर जीतने की आस लगाए बैठी सपा को नुकसान भी हो सकता है।

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क्या पटेल पलटेंगे फूलपुर में फिर से पासा!

प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट कई मायनों में अहम् हो जाती है, लिहाज़ा तमाम राजनीतिक दल जातिगत आधार पर अपनी राजनीतिक गोटियां फिट करने की जुगत में है। जातीय समीकरणों के आधार पर अगर फूलपुर सीट का आंकलन करें तो यहां करीब 4,06,028 मतदाता है, जिसमें तकरीबन 75 हज़ार अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता है और उसके बाद पटेल बिरादरी की यहां पर करीब 70 हज़ार वोट है, यानि निर्णायक भूमिका में अनुसूचित और पटेल मतदाता है। वहीं यादव वोटर्स की संख्या करीब 60 हज़ार, ब्राह्रमण 45 हज़ार, निषाद 22 हज़ार, वैश्य 16 हज़ार, क्षत्रिय 15 हज़ार और बाकी अन्य वोटर्स भी करीब करीब 50 हज़ार है।

सपा-बसपा ने खोले पत्ते, बीजेपी का इंतज़ार

फूलपुर विधानसभा सीट पर सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है, जबकि भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है, बता दें कि सपा ने पूर्व विधायक मुस्तफा सिद्दीकी को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने पासी बिरादरी से आने वाले शिवबरन पासी को उम्मीदवार बनाया है। हालाकि बीजेपी की ओर से अभी तक नाम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन भाजपा से पूर्व सांसद केसरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल, यमुनापार की बीजेपी जिलाध्यक्ष कविता पटेल और डा युवी यादव के नाम चर्चाओं में है। हालाकि मौजूदा सांसद प्रवीण पटेल अपनी पत्नी गोल्डी पटेल के लिए भी टिकट की सिफारिश कर रहे है।

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