दिग्गजों को दिखने लगा है आदित्यनाथ में पार्टी का भविष्य !
राहुल शर्मा
कहते हैं कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। वो सब कह डालती हैं जो शब्दों से बयान नहीं हो रहा हो। ठीक इसी तरह की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की। योगी आदित्यनाथ इनमें से एक फोटो में बीजेपी की रीढ़ और पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हैं तो दूसरे फोटो में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ दिखाई दे रहे हैं। दोनों ही फोटो में उनकी बॉडी लेंग्वेज ये बखूबी बताती दिख रही है कि अपने भूत और वर्तमान से वो कितने संतुष्ट हैं। तस्वीरें ये बताने को भी काफी हैं कि वो अपने भविष्य के प्रति भी कितने आश्वास्त हैं। साथ ही बीजेपी के जिन दिग्गजों के साथ यूपी के सीएम योगी दिखाई दे रहे हैं उनकी निगाह में योगी की हैसियत क्या है ? ये तस्वीरें सिर्फ योगी के भूत-वर्तमान और भविष्य की कहानी ही बयान नहीं कर रहे, बल्कि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी के भविष्य को लेकर उठने वाले कयासों का भी जवाब दे रहे हैं। बीजेपी के भविष्य को लेकर इशारा करतीं ये दोनों तस्वीरें जहां सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं, वहीं खुद बीजेपी में भी इन तस्वीरों को भविष्य में योगी के बीजेपी के कर्णधार के रूप में देखा जा रहा है।
विपक्षी भी निकालने लगे तस्वीरों के मायने
ऐसा नहीं है कि इन तस्वीरों की चर्चा केवल बीजेपी में ही हो रही है, बल्कि विपक्षी दलों में भी ये तस्वीरें चर्चा का विषय बनी हैं। विपक्षी दलों के दिग्गज भी ये सोचने को मजबूर हैं कि 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले की तहसील यमकेश्वर के गांव पंचुर में जन्मा अजय सिंह बिष्ट नाम का एक बालक पहले देश के सबसे बड़े सूबे यूपी का 21वां सीएम बनेगा फिर वही आगे चलकर देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के भविष्य के रूप में नजर आएगा। विपक्षी स्तब्ध हैं ये सोचकर कि गोरखपुर जिले के गोरक्षनाथ मठ का महंत योगी आदित्यनाथ एक दिन इस हैसियत में आएगा औऱ देश की राजनीति का पुरोधा बनकर उभरेगा।
सबसे बड़ा मुख्यमंत्री काल
देश के सबसे बड़े सूबे के सीएम के रूप में योगी आदित्यनाथ ने सभी पुराने मुख्यमंत्रियों को पछाड़ दिया है। यूपी के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक लगातार सीएम की कुर्सी पर रहने वाले संपूर्णानंद को पछाड़कर योगी आदित्यनाथ पिछले से वर्षों से ज्यादा समय से इस कुर्सी पर हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। 19 मार्च 2017 से लगातार उनका कार्यकाल जारी है। हालाकि योगी 1988 से 2017 तक गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे जबकि 2017 से 2022 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। 2022 से वे गोरखपुर शहरी विधानसभा सीट से विधायक हैं।
हिंदूराष्ट्रवादी योगी
योगी आदित्यनाथ के आध्यात्मिक पिता महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद सितंबर 2104 में उन्हें गोरखपुर के गौरक्षनाथ मठ के महंत (मुख्य पुजारी) के पद पर नियुक्त किया गया था। तबसे वे सीएम के साथ-साथ इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की छवि हिंदूवादी नेता के रूप में बनने से पहले उन्होंने हिंदू राष्ट्रवादी संगठन हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया। जो आज भी लाखों युवा कार्यकर्ताओं के साथ यूपी ही नहीं बल्कि कई राज्यों में काम कर रही है।
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पारिवारिक पृष्ठभूमि (family background)
योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे जबकि मां सावित्री देवी गृहणी थीं। परिवार में तीन बड़ी बहनें और दो छोटे और एक बड़े भाई हैं।
छात्र जीवन में हुई राजनीति में एंट्री
योगी आदित्यनाथ ने 1997 में टिहरी के गजा के एक छोटे से स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की। 1987 में दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रवेश लिया। यहां 1989 में इंटर पास करने के बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी गणित से स्नातक किया।