Tesla factory in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण टेलीफोनिक बातचीत हुई, जो भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी सहयोग को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है। इस संवाद के केंद्र में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और भारत में टेस्ला की संभावित एंट्री जैसे अहम मुद्दे रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत का जिक्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर करते हुए बताया कि उन्होंने मस्क के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दोनों के बीच उन बिंदुओं पर भी बात हुई, जो इस वर्ष की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हुई मुलाकात के दौरान उठे थे। बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भारत और अमेरिका टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर गंभीर हैं।
एलन मस्क की Tesla factory कंपनी लंबे समय से भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की एंट्री के लिए प्रयासरत है। भारत सरकार भी स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में टेस्ला जैसी वैश्विक कंपनियों को लुभाने में जुटी हुई है। यही वजह है कि अब टेस्ला के भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने की संभावनाएं मजबूत हो रही हैं।
बातचीत में यह भी संकेत मिला कि टेस्ला भारत में सिर्फ वाहन बेचना नहीं, बल्कि निर्माण और बैटरी उत्पादन जैसे क्षेत्रों में निवेश करना चाहती है। इससे भारत को इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में वैश्विक पहचान मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की पिछली आमने-सामने मुलाकात फरवरी महीने में अमेरिका दौरे के दौरान हुई थी। उस दौरान भी दोनों नेताओं ने इलेक्ट्रिक वाहन, स्पेस टेक्नोलॉजी और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात की थी।
मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एलन मस्क के बच्चों को भारतीय साहित्य की तीन प्रसिद्ध पुस्तकें—रवींद्रनाथ टैगोर की “द क्रेसेंट मून”, आर.के. नारायण का संग्रह और “पंचतंत्र”—तोहफे में दी थीं।
अब जब दोनों नेताओं के बीच संवाद फिर से हुआ है, उम्मीद की जा रही है कि Tesla factory की भारत में एंट्री बस औपचारिक ऐलान भर दूर है।