Ghaziabad: हाल ही में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद गाज़ियाबाद में शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई गई। इस स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने डासना क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए एक रूट मार्च का आयोजन किया।
इस रूट मार्च का उद्देश्य स्थानीय लोगों में शांति का संदेश फैलाना और किसी भी संभावित तनाव को रोकना था। पुलिस प्रशासन ने इस मार्च को बड़े पैमाने पर आयोजित किया, जिसमें विभिन्न रैंक के पुलिस अधिकारियों और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों ने भाग लिया।
रूट मार्च की अगुवाई सुरेंद्रनाथ तिवारी, जो कि गाज़ियाबाद के डीसीपी ग्रामीण हैं, और एसीपी वेव सिटी लिपि नगायच ने की। इसके अलावा, स्थानीय थाना प्रभारी अंकित चौहान और उनके साथ स्थानीय पुलिस बल भी मौजूद रहा। पुलिस के जवानों ने सड़कों पर मार्च किया और यह सुनिश्चित किया कि इलाके में कोई भी अशांति न फैले।
इस प्रकार के रूट मार्च का आयोजन उन क्षेत्रों में सामान्य है जहाँ किसी प्रकार की सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन सकती है। पुलिस की यह पहल यह दिखाती है कि वे किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं। रूट मार्च के दौरान पुलिस ने स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने और किसी भी भड़काऊ गतिविधियों से दूर रहने की अपील की।
पुलिस प्रशासन ने लोगों को यह आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। इस रूट मार्च का एक मुख्य उद्देश्य यह भी था कि पुलिस और स्थानीय समुदाय के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित किया जाए।
डासना का क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। ऐसे समय में जब कुछ विवादों की वजह से शांति भंग होने का खतरा होता है, पुलिस का यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। इससे स्थानीय निवासियों को यह संदेश मिलता है कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के प्रति गंभीर है और वे उनके कल्याण के लिए तत्पर हैं।
रूट मार्च के दौरान स्थानीय निवासियों ने भी पुलिस का समर्थन किया और उन्हें देखकर स्पष्ट हुआ कि लोग शांति और सद्भाव में विश्वास रखते हैं। इस प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया से पुलिस को और भी प्रोत्साहन मिला और उन्होंने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी पूरी कोशिश की।
पुलिस के रूट मार्च के साथ-साथ, स्थानीय समुदाय के नेताओं ने भी शांति की अपील की और लोगों को समझाया कि ऐसे विवादों से कोई समाधान नहीं निकलता, बल्कि इससे केवल तनाव बढ़ता है। उन्होंने एक-दूसरे के धर्मों और मान्यताओं का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस प्रकार, डासना क्षेत्र में पुलिस का रूट मार्च न केवल शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक प्रयास था, बल्कि यह एक संदेश भी था कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और हमें आपस में मिलकर रहना चाहिए। पुलिस और स्थानीय निवासियों के बीच सहयोग से ही एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण का निर्माण हो सकता है।
आशा है कि इस रूट मार्च के बाद डासना में शांति और सद्भाव बना रहेगा और सभी लोग एक साथ मिलकर रह सकेंगे।
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