Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण पर शिकंजा कसते हुए, पॉल्यूशन विभाग ने ग्रेप यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान को लागू कर दिया है.ओवरब्रिज निर्माण साइट पर हरे पर्दे और एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल न करने पर ठेकेदार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, जिले में अन्य नियम उल्लंघनों पर भी जुर्माने की लहर तेज़ी से दौड़ रही है। पराली जलाने के मामलों में भी आजकल विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है।
क्या है ग्रेप ?
ग्रेप नियम को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में मंज़ूरी दी थी और साल 2017 में पहली बार इसे लागू किया गया था. यह प्लान तब लागू किया जाता है जब वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है. ग्रेप के तहत, प्रदूषण को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. जैसे कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी निगरानी,कचरे को खुले में जलाने पर रोक,डीज़ल जनरेटर के इस्तेमाल को सीमित करना आदि.
पराली जलाने पर भी कड़ी निगरानी
प्रदूषण विभाग ने पराली जलाने के मुद्दे पर भी सख्त कदम उठाए हैं। खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी बढ़ाई जा रही है, ताकि वायु गुणवत्ता पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। विभाग ने चेतावनी दी है कि पराली जलाने वाले किसानों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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देव कुमार गुप्ता(पॉल्यूशन अधिकारी) का क्या कहना है?
देव कुमार गुप्ता जोकि पॉल्यूशन अधिकारी हैं उनका कहना है कि “पराली का जलना काफी गंभीर समस्या है. GRAP के नियमों को सख्ती से लागू कर रहे हैं। निर्माण स्थलों पर हरे पर्दे, पानी का छिड़काव और एंटी स्मॉग गन का प्रयोग अनिवार्य है। प्रदूषण को कम करने के लिए ये सभी कदम बेहद जरूरी हैं, और जो इनका पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।”सिर्फ इतना ही नही बल्कि उनका कहना है कि जो भी GRAP का पालन नहीं करेगा उसपर 50 हजार का जुर्माना लगेगा.