CO Ziaul Haque Murder Case: सीओ कुंडा जियाउल हक हत्याकांड में दस आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। CBI की विशेष अदालत लखनऊ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया है। यह दिल दहला देने वाली हत्या 2 मार्च 2013 को हुई थी, जब तत्कालीन सीओ कुंडा जियाउल हक की लाठी-डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को भी आरोपी बनाया गया था, हालांकि उन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है।
इन 10 दोषियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा
बता दें कि, लखनऊ की CBI की विशेष अदालत ने बुधवार को DSP जियाउल हक हत्याकांड में दोषी करार दिए गए फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, रामआसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और उनके करीबी ग्राम प्रधान गुलशन यादव को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। सभी 10 आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस राशि का आधा हिस्सा जिया उल हक की पत्नी को दिया जाएगा।
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि, 2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में डीएसपी जिया-उल-हक की हत्या कर दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सीबीआई ने की थी। हत्या का आरोप रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और ग्राम प्रधान गुलशन यादव पर लगा था। हालांकि, सीबीआई जांच में दोनों को क्लीन चिट दे दी गई थी।
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