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Greater Noida: आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करेगी योगी सरकार, ‘तीसरी आंख’ बनेगी आधार

सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा रीजन में इंटीग्रेटेड एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) की जल्द होगी स्थापना

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Uttar Pradesh: की योगी सरकार Greater Noida क्षेत्र में आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी कर रही है, जिससे क्षेत्र के यातायात को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इस परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (IATMS) स्थापित किया जाएगा, जो आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए यातायात प्रबंधन को आसान और प्रभावी बनाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार, यह सिस्टम “तीसरी आंख” (third Eye) की तरह काम करेगा, जिससे सड़क पर निगरानी बढ़ेगी और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होगा।

परियोजना का उद्देश्य

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रेटर नोएडा में यातायात को व्यवस्थित करना और यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकना है। इसके लिए 227.60 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन किया गया है, जिसके तहत ग्रेटर नोएडा के 357 स्थानों पर हाई क्वॉलिटी सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) लगाए जाएंगे। इन कैमरों के माध्यम से पुलिस और ट्रैफिक अधिकारी क्षेत्र की निगरानी करेंगे, जिससे अपराधों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी।

तकनीकी सुविधाएँ और फायदे

इस प्रणाली में कई अत्याधुनिक सुविधाएँ शामिल होंगी जैसे:

Integrated Command and Control Center
  1. वीडियो निगरानी प्रणाली: सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए हाई-डेफिनिशन कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
  2. आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली: इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए एक प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किया जाएगा।
  3. सार्वजनिक सूचना प्रणाली: यातायात और सड़क की स्थिति की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा की जाएगी ताकि लोग अपने गंतव्य तक पहुँचने का सही समय चुन सकें।
  4. इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (आईसीसी): इस केंद्र के जरिए पूरे क्षेत्र की निगरानी और ट्रैफिक की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। यह केंद्र सभी कैमरों, ट्रैफिक सिग्नल्स और अन्य तकनीकी उपकरणों को नियंत्रित करेगा।

महिला और बच्चों की सुरक्षा पर जोर

इस परियोजना में खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। इसके लिए स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग, और इमरजेंसी सेवाओं का प्रबंधन जैसी सुविधाओं को शामिल किया गया है। यह सिस्टम शहर के अंदर यातायात को नियमित करने के साथ-साथ अनचाहे घटनाओं की रोकथाम में भी मदद करेगा।

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12 महीने में होगा पूरा

आईएसटीएमएस प्रणाली को लागू करने के लिए सरकार ने 12 महीने की समयसीमा तय की है। इस समयावधि के भीतर ग्रेटर नोएडा के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरों और अन्य तकनीकी उपकरणों की स्थापना कर दी जाएगी। इससे पहले नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है, और अब इसे ग्रेटर नोएडा में भी विस्तार दिया जा रहा है।

अपराध नियंत्रण और पब्लिक सेफ्टी में मदद

योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, यह परियोजना अपराध नियंत्रण में भी मददगार साबित होगी। रियल टाइम मॉनिटरिंग की मदद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की मदद से सड़क पर घटित होने वाली घटनाओं की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी, जिससे अपराधों की पहचान और अपराधियों की गिरफ्तारी में तेजी आएगी।

यातायात प्रवाह में सुधार

इस सिस्टम के जरिए यातायात प्रवाह को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाएगा, जिससे सड़क पर होने वाली भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। साथ ही, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल्स (smart traffic signals) की मदद से वाहनों की गति और दिशा को नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह प्रणाली यातायात की सुचारू संचालन में भी मदद करेगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी कमी आएगी।

इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर की विशेषताएँ

इस परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (आईसीसी) स्थापित किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएँ होंगी:

  1. एडैप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस): ट्रैफिक सिग्नल्स का नियंत्रण खुद-ब-खुद यातायात की स्थिति के अनुसार होगा।

  1. ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर): वाहनों की नंबर प्लेट को पढ़ने और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को ट्रैक करने के लिए यह प्रणाली उपयोगी होगी।
  2. रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी): रेड लाइट पार करने वाले वाहनों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
  3. व्हीकल ट्रैफिक डिटेक्शन सिस्टम (वीटीडीएस): इस प्रणाली के तहत वाहनों की गति और उनकी संख्या को नियंत्रित किया जाएगा।
  4. वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड्स (वीएमडी): सार्वजनिक स्थानों पर सूचना देने के लिए डिस्प्ले बोर्ड्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
  5. पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस): सड़क पर मौजूद लोगों को आवश्यक जानकारी और दिशा-निर्देश देने के लिए यह प्रणाली उपयोगी होगी।
  6. इमर्जेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी): आपातकालीन स्थिति में लोगों को तुरंत सहायता प्राप्त करने के लिए कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे।
  7. एआई आधारित वीडियो एनालिटिक्स (एआईवीए): आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) का उपयोग कर वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया जाएगा ताकि ट्रैफिक और सुरक्षा समस्याओं को तेजी से हल किया जा सके।
  8. ई-चालान सिस्टम: Traffic नियमों का उल्लंघन करने वालों को डिजिटल रूप से चालान भेजा जाएगा।
  9. पिंक बूथ की मॉनिटरिंग: महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ की निगरानी की जाएगी।

पर्यावरण और यातायात सुरक्षा में सुधार

आईएसटीएमएस प्रणाली से न केवल यातायात प्रवाह में सुधार होगा, बल्कि ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। साथ ही, यह परियोजना पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ शहर की यातायात सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

निष्कर्ष

योगी सरकार द्वारा शुरू की गई यह परियोजना उत्तर प्रदेश को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंटीग्रेटेड एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) के माध्यम से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में यातायात प्रबंधन, सुरक्षा और सार्वजनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

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