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Budget 2025: सीतारमण की सौगात पर राहुल का कटाक्ष – ‘मरहम-पट्टी की राजनीति’

Budget 2025

Budget 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2025 की तीखी आलोचना करते हुए इसे “गोली के घावों पर पट्टी” बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया में गांधी ने कहा, “वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक बड़े बदलाव की जरूरत थी। लेकिन यह सरकार विचारों से खाली है।” उनकी टिप्पणी विपक्ष की बजट को लेकर व्यापक असहमति को दर्शाती है। इसके बावजूद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत देने की घोषणा की, जिससे 1.2 मिलियन रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को आयकर से छूट मिलेगी। हालाँकि, विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।

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वित्त मंत्री ने Budget 2025 पेश करते हुए कहा कि कर राहत से घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इस कदम से सरकार को 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में बजट घाटे में मामूली कमी होगी और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया जाएगा। हालाँकि, आर्थिक विकास दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो सरकार के 2047 के 8% लक्ष्य से काफी कम है।

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विपक्षी दलों ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन ने कर राहत को सकारात्मक बताया, लेकिन राज्यों के लिए धन आवंटन में स्पष्टता की कमी के कारण बजट को “निराशाजनक” करार दिया। टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लिए विशेष प्रावधान न होने पर नाराजगी जताई, जबकि डीएमके के दयानिधि मारन ने इसे “बड़ी निराशा” बताया।

राहुल गांधी ने Budget 2025 बनाने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इसमें दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व नहीं है। उनके अनुसार, यह बजट आर्थिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से असंतुलित है।

भारत अभी भी कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक चुनौतियों से उबरने की कोशिश कर रहा है। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव, वैश्विक मंदी और अमेरिकी टैरिफ जैसे खतरों के बीच यह बजट सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस का केंद्र बन गया है।

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