Dharma Sansad: महाकुंभ 2025 के दौरान परम Dharma Sansad में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव उनके हालिया बयान को लेकर लाया गया, जिसमें उन्होंने मनुस्मृति को बलात्कारियों को संरक्षण देने वाला ग्रंथ बताया था। Dharma Sansad ने इसे हिंदू धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था पर हमला करार देते हुए राहुल गांधी को एक महीने के भीतर माफी मांगने या अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न करने पर उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की चेतावनी दी गई है। धर्म संसद के सचिव ने इस संबंध में राहुल गांधी को एक आधिकारिक पत्र भी भेजा है।
हिंदू आस्था पर चोट का आरोप
रविवार को आयोजित इस धर्म संसद में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ मानने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने का अधिकार किसी को नहीं है। धर्म संसद ने प्रस्ताव में कहा कि यदि राहुल गांधी अपने बयान का औचित्य स्पष्ट नहीं करते या माफी नहीं मांगते, तो उन्हें हिंदू समाज से बाहर माना जाएगा।
राहुल गांधी के मनुस्मृति के खिलाफ बयान पर एक महीने के भीतर उनका जवाब मांगा गया है, अन्यथा उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत किया जाएगा – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ।#RahulGandhi #DelhiElection2025 pic.twitter.com/JqwdeCnb1F
— Amrit Prakash (@amritprakasht) February 10, 2025
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट किया कि अब हिंदू धर्म पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “पहले लोग हिंदू धर्म को कमजोर समझकर इस पर प्रहार करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जो भी हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगा, उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।”
आधिकारिक नोटिस और चेतावनी
Dharma Sansad के सचिव द्वारा राहुल गांधी को एक पत्र भेजकर स्पष्ट किया गया है कि उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी होगी। यदि वे निर्धारित एक महीने की अवधि के भीतर जवाब नहीं देते, तो उन्हें एक और रिमाइंडर भेजा जाएगा। इसके बावजूद अगर वे माफी नहीं मांगते, तो धर्म संसद उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
भविष्य में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अब हिंदू धर्म की निंदा करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राजनीतिक नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों को चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह प्रधानमंत्री हो या विपक्ष का नेता, हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने से पहले सोच-विचार कर बोले। धर्म संसद ने संकेत दिया कि भविष्य में ऐसे मामलों पर और सख्त रुख अपनाया जाएगा।