CEC Gyanesh Kumar: राहुल गांधी और कांग्रेस ने ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय पैनल ने सोमवार को कुमार के नाम पर मुहर लगाई, जिसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने इसका ऐलान किया। हालांकि, कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई है और इसे पारदर्शिता के खिलाफ बताया है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल संसद से एक कानून पारित किया था, जिसके तहत CEC की नियुक्ति में मुख्य न्यायधीश को चयन पैनल से बाहर कर दिया गया है। पहले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती थी और चयन पैनल में मुख्य न्यायधीश भी शामिल होते थे। इस बदलाव को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि इस बदलाव से सरकार को चुनावी संस्थाओं पर अधिक नियंत्रण मिल जाएगा और यह पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाएगा। इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
राहुल गांधी ने 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से पहले CEC की नियुक्ति को स्थगित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह कदम शीर्ष अदालत के आदेशों के खिलाफ है। कांग्रेस के नेताओं ने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार ने सीईसी की नियुक्ति में जल्दबाजी की और इसके जरिए अपनी पसंद का उम्मीदवार नियुक्त किया।
UP govt sugarcane price: योगी सरकार ने गन्ना किसानों को झटका, 370 रुपए पर रखा गन्ने का मूल्य
CEC ज्ञानेश कुमार, जो केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, को 14 मार्च, 2024 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया है, जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में भी शामिल हैं। उन्हें राम मंदिर ट्रस्ट में केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, और राहुल गांधी ने इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला बताया है।