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नायाब रत्न का दुनिया को tata “रतन टाटा: एक युग का अंत, जो नेतृत्व और परोपकार की मिसाल था”

Geeta Tyagi

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India: रतन टाटा, एक महान उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन, का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे अपने सामाजिक कार्यों, दानशीलता और नैतिक नेतृत्व के लिए पूरे देश में जाने जाते थे। टाटा संस ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की, और इसे एक बड़ी क्षति बताया, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ कंपनी बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती होने के बाद, बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्याओं के कारण उनका निधन हुआ।

रतन टाटा का जन्म 1937 में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा थीं। उन्होंने कम उम्र में ही अपने पारिवारिक व्यवसाय की जिम्मेदारी संभाल ली थी। रतन टाटा ने अपनी पढ़ाई अमेरिका के प्रसिद्ध कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में की और बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की।

अपने करियर में रतन टाटा ने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने 1991 में टाटा ग्रुप की बागडोर संभाली और इसे एक वैश्विक कंपनी के रूप में स्थापित किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई प्रमुख अधिग्रहण किए, जैसे कि टेटली, जैगुआर लैंड रोवर, और कोरस। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने भारतीय उद्योग जगत में एक नई पहचान बनाई।

रतन टाटा का जीवन सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं था। वे सामाजिक कार्यों और दान में भी बहुत आगे थे। उन्होंने अपने व्यक्तिगत लाभ से अधिक समाज के उत्थान को महत्व दिया। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके इन्हीं कार्यों के कारण उन्हें भारत सरकार द्वारा दो बार सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और पद्म विभूषण, से नवाजा गया।

रतन टाटा की सफलता का रहस्य उनकी सादगी, ईमानदारी और नैतिकता थी। उन्होंने हमेशा अपने कर्मचारियों और समाज के हितों को प्राथमिकता दी। वे अक्सर कहा करते थे कि व्यवसाय सिर्फ लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि समाज को कुछ लौटाने के लिए होता है। इस दृष्टिकोण ने उन्हें न केवल एक सफल उद्योगपति, बल्कि एक आदर्श नेता भी बनाया।

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर उन्होंने लिखा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापारिक समूहों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान केवल व्यापार तक सीमित नहीं था, बल्कि उनकी विनम्रता, दयालुता और समाज को बेहतर बनाने की अटूट प्रतिबद्धता ने उन्हें लोगों का प्रिय बना दिया। रतन टाटा का जाना एक बड़ी क्षति है, और उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।

सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय उद्योगपति थे रतन टाटा 

ट्विटर पर रतन टाटा सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय उद्योगपति थे। उनके निधन पर देशभर से लोग दुख व्यक्त कर रहे हैं। उद्योग जगत से लेकर आम जनता तक, सभी ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

हर्ष गोयनका, एक अन्य प्रमुख उद्योगपति, ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रतन टाटा ईमानदारी और परोपकार की मिसाल थे। उन्होंने व्यापार और समाज में जो योगदान दिया, वह अमिट रहेगा। रतन टाटा का जीवन हमें सिखाता है कि सफलता का मापदंड केवल धन नहीं है, बल्कि समाज के प्रति दायित्व और नैतिकता भी है।

रतन टाटा का निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत और उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे।

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