Robert Vadra ED: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं। ईडी ने उन्हें हरियाणा के शिकोहपुर में जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। समन मिलने के बाद वाड्रा मंगलवार को पैदल ही ईडी के दफ्तर पहुंचे। वहां उन्होंने मीडिया से कहा कि वे किसी भी तरह के दबाव में नहीं हैं और जांच एजेंसी के हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। वाड्रा ने आरोप लगाया कि जब भी वे आम जनता के मुद्दे उठाते हैं, तब सरकार उन्हें जांच एजेंसियों के जरिए डराने की कोशिश करती है।
यह मामला वर्ष 2008 के एक जमीन सौदे से जुड़ा है। ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक कंपनी से शिकोहपुर इलाके में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। कुछ समय बाद वही जमीन उन्होंने डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी। एजेंसी को संदेह है कि इस लेन-देन में काले धन को सफेद बनाने की कोशिश की गई हो सकती है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की जा रही है।
Robert Vadra का कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “ईडी ने पहले भी कई बार जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। इस बार भी कुछ नहीं मिलेगा। मैं पूरी तरह से कानून का सम्मान करता हूं और जांच में पूरा सहयोग करूंगा।” वाड्रा का पैदल चलकर ईडी दफ्तर जाना उनके आत्मविश्वास और खुली छवि का प्रतीक माना जा रहा है।
Robert Vadra के समर्थकों और कांग्रेस नेताओं का मानना है कि भाजपा सरकार उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बना रही है। उनका दावा है कि वाड्रा के खिलाफ बार-बार जांच करवाकर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाया जा रहा है। वहीं ईडी का कहना है कि वह केवल वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर पूछताछ कर रही है।
जांच आगे क्या मोड़ लेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वाड्रा का रुख बताता है कि वह खुलकर जवाब देने को तैयार हैं और किसी तरह के दबाव से पीछे हटने वाले नहीं हैं।