Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कई सालों से बंद प्राचीन मंदिर के अंदर से चौंकाने वाला राज सामने आया है। मुस्लिम आबादी के बीच संभल के इस मंदिर का करीब 46 साल से ताला नहीं खुला था। लोगों ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा था। बताया जाता है कि यह प्राचीन हनुमान मंदिर है। यहां शिवलिंग और नंदी की मूर्तियां भी मिली हैं। मूर्तियां सुरक्षित हैं लेकिन परिसर के कुएं को भरकर और पीपल के पेड़ को काटकर अवैध अतिक्रमण किया गया है।
मामले को लेकर सीओ अनुज चौधरी ने बताया कि जब लोगों ने इस प्राचीन मंदिर के बारे में बताया तो आज ताला तोड़ दिया गया। अंदर मंदिर और मूर्तियां हैं, जिन पर धूल जम गई है। अब इसे पूरी तरह से खोल दिया गया है संभल के खग्गू सराय इलाके में यह सामने आया है। एसएसपी समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डीएम और एसपी ने सुबह से ही सघन चेकिंग अभियान चलाया हुआ है।
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1978 के दंगों के बाद से मंदिर था बंद
दरअसल, स्थानीय निवासी और नगर हिंदू सभा के संरक्षक ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी हुआ करती थी। लेकिन 1978 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई थी। डर के कारण हिंदू परिवार यहां से पलायन कर हिंदू आबादी वाले इलाके में बस गए। उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन कीर्तन होता था। मंदिर के ठीक बगल में एक कुआं है, जिसे अकील अहमद नाम के व्यक्ति ने भर दिया था।
पुजारी और हिंदू पलायन
उन्होंने बताया कि चूंकि मंदिर मुस्लिम आबादी में है, इसलिए इस पर कब्जा करके घर में मिला लिया गया है। कई सालों से इस पर ताला लगा हुआ था और कोई आता नहीं था। पुजारी अपना घर बेचकर चला गया और मंदिर पर ताला लगा दिया। मंदिर के पास बने कुएं को भी दूसरे समुदाय ने भरकर बंद कर दिया।
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