spot_img
Wednesday, December 18, 2024
-विज्ञापन-

More From Author

Sambhal News:‘ हमारे कुलगुरु का मंदिर जो 1978 से बंद था…’82 वर्षीय विष्णु शंकर रस्तोगी बोले ये सब..जानें!

Sambhal News: संभल जिले के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक प्राचीन मंदिर को फिर से खोला है। वह 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से बंद पड़ा था। यह मंदिर खग्गू सराय क्षेत्र में शाहजामा मस्जिद के पास अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान “अचानक” खोजा गया।

जानें पूरा मामला 

मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति और शिवलिंग पाए गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह भस्मा शंकर मंदिर है जोकि दंगों के बाद हिंदू समुदाय के पलायन के कारण बंद कर दिया गया था। अभियान का नेतृत्व कर रही उप-जिला मजिस्ट्रेट SDM वंदना मिश्रा ने कहा “बिजली चोरी के खिलाफ अभियान के दौरान हमें यह मंदिर दिखा। मैंने तुरंत जिला प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद हम सबने मिलकर इसे दोबारा खोलने का निर्णय लिया।” मंदिर के पास एक प्राचीन कुआं भी है जिसे प्रशासन दोबारा खोलने की योजना बना रहा है।

यह भी पड़े: Amroha News: मकान की दूसरी मंजिल पर लगी भीषण आग, लाखों का सामान हुआ जलकर राख..देखे वीडियो

कब सामने आया सच

यह खोज उस समय हुई है जब शाहजामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुए विवाद ने चार लोगों की जान ले ली थी। प्रशासन खग्गू सराय क्षेत्र में अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहा है। यह मंदिर शाहजामा मस्जिद से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

हिंदू महासभा के संरक्षक का कहना 

82 वर्षीय विष्णु शंकर रस्तोगी जो नगर हिंदू महासभा के संरक्षक हैं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा “मैंने अपनी पूरी जिंदगी खग्गू सराय में बिताई। 1978 के दंगों के बाद हमारे समुदाय को यहां से पलायन करना पड़ा। यह मंदिर हमारे कुलगुरु को समर्पित है और तभी से बंद पड़ा था।” उनका कहना है की दंगों से पहले खग्गू सराय में लगभग 25-30 हिंदू परिवार रहते थे। दंगों के बाद सभी ने अपनी संपत्तियां बेचकर क्षेत्र छोड़ दिया।

भस्मा शंकर मंदिर की प्राचीनता

विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर भस्मा शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता था और रस्तोगी समुदाय का मुख्य मंदिर था। उन्होंने कहा, “दंगों से पहले हमारे समुदाय के लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए आते थे। अब जब इसे दोबारा खोला गया है, तो मुझे उम्मीद है कि यह मंदिर फिर से जीवंत हो जाएगा।”

इसे भी पड़े: Atul Subhash Sucide Case: सुसाइड नोट और वीडियो ने खोली परतें,पत्नी निकिता समेत तीन गिरफ्तार…जानें पूरा विवाद

संबंधित कानूनी घटनाक्रम

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देशभर में पूजा स्थलों के स्वामित्व और धार्मिक चरित्र पर नए मुकदमों को दायर करने या सर्वेक्षण का आदेश देने पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991 के तहत किसी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप को 15 अगस्त 1947 की स्थिति में बनाए रखना आवश्यक है। इसके साथ ही अदालत ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि कोई भी अदालत इस संबंध में नया आदेश पारित नहीं कर सकती।

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts