Priya Saroj: लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मामले में सांसद प्रिया सरोज को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ किसी भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
मामला 16 अप्रैल 2024 का है, जब मड़ियाहूं के उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी गिरजा शंकर ने स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि सपा उम्मीदवार प्रिया सरोज ने 100-125 समर्थकों के साथ बिना अनुमति के रैली निकाली और नारेबाजी की, जो आचार संहिता का उल्लंघन था।
पुलिस ने महज चार दिनों में जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सांसद के खिलाफ प्रोसेस जारी किया।
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इस कार्रवाई के खिलाफ Priya Saroj ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पुलिस की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है। साथ ही, आईपीसी की धारा 188 से संबंधित इस मामले में धारा 195 सीआरपीसी के तहत बिना मंजूरी कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने पर रोक है।
हाईकोर्ट ने इन तर्कों पर गौर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई तक सांसद के खिलाफ किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी।
वर्तमान में यह मामला एसीजेएम प्रथम की अदालत में विचाराधीन है। हाईकोर्ट के इस फैसले से सांसद प्रिया सरोज को बड़ी राहत मिली है, जबकि अगली सुनवाई में सरकार के जवाब पर सबकी नजरें टिकी हैं।