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Friday, November 22, 2024
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नोएडा अथॉरिटी में घोटाले : अब अगला नंबर रमा रमण का

2010 से 2016 तक तैनात सभी अफसरों की करतूतों से उठेगा पर्दा

गौतमबुद्धनगर(यूपी)। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के लिए टोलरेंस पॉलिसी के तहत नोएडा अथॉरिटी के सीआईओ मोनिंदर सिंह के घोटालों की जांच में जहां ईडी ने अरबों रुपये की संपत्ति बरामद की है, वहीं अब कार्रवाई की तलवार नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहे रमारमण पर लटक गई है। सूत्रों का दावा है कि अब ईडी रमा रमण के खिलाफ मोनिंदर की ही तरह बड़ी कार्रवाई करने जा रही है।

सात साल के कार्यकाल की होगी जांच

सनद रहे कि रमारमण 2010 से लेकर जुलाई 2016 तक नोएडा में तैनात रहे थे। वे लगभग तीन साल से अधिक समय तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अध्यक्ष पद पर रहे थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद उन्हें सपा सरकार में हटाया गया था। सूत्रों ने खुलासा किया है कि ईडी को इस बात की जानकारी मिली है कि अपने कार्यकाल में तीन साल उन्होंने कई घोटाले किए। सूत्रों का दावा है कि उन्हीं तीन सालों के भीतर नोएडा प्राधिकरण में हुए घोटालों की जांच ईडी शुरू करने जा रही है। उस दौरान जितने भी अफसर नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे सभी अधिकारी ईडी के रडार पर हैं। सूत्रों का ये भी कहना है कि उस दौरान जिन भी बिल्डरों को जमीन आवंटित की गई जबकी जांच ईडी अफसर करेंगे। ईडी को जानकारी मिली है कि कई नामचीन बिल्डरों को रमा रमण के कार्यकाल में नियम विरूद्ध लाभ पहुंचाया गया। जबकि सरकार को अरबों के राजस्व की चपत लगाई गई। रमा रमण 2010 से 2016 तक लगभग तीन साल से अधिक समय तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अध्यक्ष पद पर रहे थे।

मोनिंदर से पूछताछ में मिला ईडी को सुराग

सूत्रों ने खुलासा किया है कि नोएडा अथॉरिटी के सीईओ मोनिंदर सिंह से पूछताछ में पुलिस को कुछ ऐसी जानकारियां मिली हैं जिनसे पताचला है कि रमा रमण के कार्यकाल में कई बिल्डरों को दी गई जमीन के आवंटन की प्रक्रिया में बड़ा घालमेल हुआ है। इसी के चलते अब पुलिस रमा रमण के कार्यकाल में हुए आवंटनों की जांच शुरू करने जा रही है।

बिल्डरों में हडकंप, करतूत से उटेगा पर्दा

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चलाने वाले कई नामचीन बिल्डर और उनके प्रोजेक्टों की जमीन रमारमण के कार्यकाल में ही आवंटित हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि ईडी की इस जांच से जाहिर हैं कि जांच की तलवार उन प्रोजेक्ट्स और बिल्डरों पर भी लटक गई है। इस जानकारी से दर्जनों बड़े और छोटे बिल्डर परेशान हैं।

बिल्डर पहुंचे सत्ताधारियों के दरवाजे

बताते चलें कि अपने प्रोजेक्ट्स पर ईडी की कार्रवाई की तलवार लटकने से बड़े बिलडरों के भी पसीने छूट रहे हैं। जाहिर है कि ईडी की कार्रवाई का असर न सिर्फ उनके प्रोजेक्ट्स पर पडेगा, बल्कि उनकी साख पर भी बट्टा लगेगा। लिहाजा अपनी गर्दन और साख बचाने के लिए कुछ स्थानीय बीजेपी के दिग्गज नेताओं और कुछ लखनऊ से दिल्ली तक मंत्रियों के यहां हाजिरी लगा रहे हैं।

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