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Friday, December 20, 2024
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CAG report: स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर चिंताएं… कैग की रिपोर्ट ने खोली खामियां

CAG report: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर तीन साल पहले की कैग रिपोर्ट ने कई गंभीर समस्याओं को उजागर किया है। महालेखा परीक्षक (कैग) की 2021 की रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी, एंबुलेंस सेवा की खामियां, और बुनियादी ढांचे की समस्याएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में सरकार से आग्रह किया गया है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए तात्कालिक कदम उठाए।

कर्मचारी की कमी और सेवाओं की स्थिति

CAG report के मुताबिक, राज्य में सरकारी अस्पतालों में 38% डॉक्टरों और 46% नर्सों की कमी है, जिसके कारण मरीजों को आवश्यक इलाज नहीं मिल पा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति और भी खराब है, जहां मरीजों को भर्ती करने की सुविधा तक नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 45% स्थानों पर भर्ती की व्यवस्था नहीं है, और 55% केंद्र केवल दिन में ही सेवाएं प्रदान करते हैं।

इसके अलावा, 75 जिला अस्पतालों में से सिर्फ दो अस्पतालों के पास आग बुझाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) है, जिससे सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

एंबुलेंस सेवा और उसकी खामियां

CAG report में यह भी सामने आया कि 108 एंबुलेंस सेवा द्वारा निर्धारित समय में मरीजों तक नहीं पहुंच रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में 15 मिनट में एंबुलेंस पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह समय 3 घंटे तक पहुंच गया। कैग ने इस बात का भी खुलासा किया कि एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली प्राइवेट कंपनियां अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं कर रही हैं।

बुनियादी ढांचे की समस्याएं

स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में गंभीर कमी देखी गई है। कई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। 53% स्वास्थ्य इकाइयों में नमी और सीलन जैसी समस्याएं हैं, जबकि 26% अस्पतालों में ड्रेसिंग रूम और इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं है। कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीने का पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

दवाइयों की खराबी और अन्य लापरवाहियां

CAG report ने यह भी बताया कि 2021 में राज्य में दवाइयां खराब हो गईं, जिसकी कुल लागत 27.6 करोड़ रुपये थी। इसके कारणों में दवाइयों की कम खपत, स्टोर रूम से अस्वीकार की गई दवाइयां और कोविड-19 के दौरान सामान्य रोगियों की संख्या में कमी प्रमुख रहे।

सुधार के लिए कदम उठाने की सिफारिश

कैग ने सरकार से सिफारिश की है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए जल्दी और ठोस कदम उठाए जाएं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि डॉक्टर, नर्स, और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और एंबुलेंस सेवा और अस्पतालों की सुरक्षा मानकों को बेहतर किया जाए।

इस रिपोर्ट ने यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर सरकार को गंभीर कदम उठाने के लिए चेतावनी दी है, ताकि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

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