Subsidy News: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को बागवानी की ओर प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत शिमला मिर्च की खेती पर 75% तक अनुदान दिया जा रहा है। पारंपरिक फसलों के मुकाबले बागवानी फसलों में अधिक मुनाफा होता है, और शिमला मिर्च की खेती किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
शिमला मिर्च एक ऐसी फसल है जो केवल 75 दिनों में तैयार हो जाती है। इसे बाजार में बेचना आसान है और इसका दाम भी अच्छा मिलता है। गंगा तटीय क्षेत्र में इस फसल को बढ़ावा देने के लिए इस साल 35 हेक्टेयर खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 90 किसान योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। पंजीकृत किसानों को जल्द ही बीज वितरित किए जाएंगे ताकि वे समय पर खेती शुरू कर सकें।
शिमला मिर्च का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को मजबूत और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह फसल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
इस योजना के तहत किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा। शिमला मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 50,000 रुपये खर्च आता है। लेकिन सरकार की 75% सब्सिडी (Subsidy News) से यह लागत बहुत कम हो जाएगी। इस योजना से खासतौर पर गंगा तटीय क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा, जहां इसकी खेती को प्राथमिकता दी जा रही है।
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शिमला मिर्च की खेती नवंबर से मार्च के बीच की जाती है। किसान उद्यान विभाग के कार्यालय में पंजीकरण कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। यह पहल किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर बागवानी की ओर प्रेरित करेगी और उनकी आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना किसानों के लिए एक बड़ा (Subsidy News) अवसर है, जिससे वे अपनी खेती को अधिक लाभदायक बना सकते हैं। शिमला मिर्च की खेती से किसानों को न केवल आर्थिक रूप से फायदा होगा, बल्कि यह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाएगी।