Milkipur Assembly Seat: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। इसी बीच पिछले दिनों चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी। चुनाव आयोग ने यूपी की एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की। इसको लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि मामला कोर्ट में है, इसलिए इस सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा रहा है। वहीं चुनाव को लेकर याचिका दाखिल करने वाले पूर्व प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का फैसला किया और वह कोर्ट भी चले गए, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
याचिका वापस लेने पर सपा ने किया विरोध
बता दें कि, यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सपा नेता अवधेश प्रसाद की ओर से पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका वापस लेने का विरोध किया गया। सुनवाई के दौरान अवधेश प्रसाद के अधिवक्ताओं ने याचिका वापस लेने का विरोध किया। वहीं, जब सपा ने याचिका वापस लेने का विरोध किया तो पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ ने आरोप लगाया कि सपा चुनाव नहीं कराना चाहती, इसीलिए उन्होंने याचिका वापस लेने का विरोध किया है। वहीं, याचिका वापस लेने के बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी है। अब मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
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बाबा गोरखनाथ चाहते हैं चुनाव
मिल्कीपुर में उपचुनाव न होने की जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का फैसला किया था। बाबा गोरखनाथ ने कहा कि जब उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई तो मुझे भी आश्चर्य हुआ और मैं तुरंत संगठन से मिलने लखनऊ आया और मुलाकात की। मैं याचिका वापस ले लूंगा। उन्होंने कहा कि मैं भी मिल्कीपुर से टिकट की दावेदारी कर रहा हूं और चाहता हूं कि वहां चुनाव हो। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी जिसे भी टिकट देगी हम उसके साथ हैं। आपको बता दें कि बाबा गोरखनाथ वर्ष 2017 में मिल्कीपुर से विधायक बने थे, लेकिन 2022 के चुनाव में हार गए। 2022 में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद 13 हजार से अधिक मतों से जीते।
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