Kanpur News : कानपुर विकास प्राधिकरण यानि केडीए वीसी राकेश कुमार सिंह ने एक साल तक नामांतरण की फाइल दबाने पर जोन-2 के द्वितीय श्रेणी लिपिक को निलंबित कर दिया। आवेदक नामांतरण नहीं होने से परेशान था। केडीए उपाध्यक्ष ने जांच के बाद लिपिक को दोषी पाने पर कार्यवाही की और अधिकारियों, कर्मचारियों को निर्देशित किया कि जनता को परेशान न किया जाए।
नामांतरण लंबित रखने के संबंध में शिकायत मिली
केडीए के पीआरओ एसबी राय ने बताया कि जनता दर्शन में जिलाधिकारी के समक्ष काकादेव के भूखण्ड संख्या-32, ब्लाक-सी, योजना प्रथम का नामांतरण लम्बित रखने के संबंध में शिकायत मिली। पत्रावली के अवलोकन के दौरान यह पाया गया कि आवेदक रमेश कुमार दीक्षित द्वारा प्राधिकरण के एकल विंडो के माध्यम से 13.04.2022 को प्रार्थना पत्र दिया गया। लेकिन उसके बाद आज तक उनके भूखण्ड का नामांतरण प्रार्थना पत्र निस्तारित नहीं किया गया।
द्वितीय श्रेणी लिपिक ने अपने पास लंबित रखी फाइल
सम्बन्धित लिपिक विकास भारती ने भूखण्ड का नामान्तरण प्रस्ताव 04.10.2023 को प्रस्तुत किया गया, जिसे विभिन्न पटलों के बाद जोनल विक्रय प्रभारी (जोन-2) द्वारा 06.10.2023 को अपर सचिव को बढ़ाया गया। अपर सचिव ने विस्तृत आख्या एवं वर्णित तथ्यों को जांचते हुए संस्तुति सहित आख्या प्रस्तुत किए जाने की टिप्पणी की।
16.10.2023 को पत्रावली विक्रय विभाग को वापस कर दी गयी। तब से वर्तमान तक प्रश्नगत पत्रावली विकास भारती, द्वितीय श्रेणी लिपिक द्वारा अपने पास लम्बित रखी गयी, व कोई भी आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी। जिससे आवेदक का कार्य काफी समय तक लम्बित रहा एवं प्राधिकरण की छवि भी धूमिल हुई।