UP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई के स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (NCERT) 4 दिसंबर को एक नैशनल टेस्ट ‘परख’ का आयोजन करेगी, जिसे कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की गणित, भाषा और सामान्य ज्ञान की जांच की जाएगी। इस टेस्ट का उद्देश्य देशभर के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को मापना और सुधार के लिए जरूरी कदम उठाना है।
क्यों जरूरी है ये?
यह टेस्ट न केवल छात्रों के लिए, बल्कि शिक्षकों और विद्यालयों के लिए भी एक अच्छा अवसर होगा। छात्रों का टेस्ट OMR शीट पर होगा, जिसमें 45 सवाल पूछे जाएंगे और 90 मिनट का समय मिलेगा। ये सवाल मुख्य रूप से भाषा, गणित और पर्यावरण से जुड़े होंगे। इस टेस्ट के जरिए छात्रों की नॉलेज का आंकलन किया जाएगा, ताकि पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए सही निर्देश दिए जा सकें।
प्रैक्टिस की योजना और टेस्ट की तैयारी
इस सर्वेक्षण की तैयारी के लिए यूपी के सभी जिलों में सरकारी स्कूलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को कहा हैं कि हर शनिवार बच्चों को OMR शीट पर सवाल हल करवाया जाए ताकि वे इस परीक्षा के पैटर्न से परिचित हो सकें। इसके लिए स्कूलों को फोटोकॉपी आदि के खर्च के लिए कंपोजिट ग्रांट का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
सर्वेक्षण के तीन हिस्से
NCERT का यह सर्वेक्षण तीन हिस्सों में डिवाइड होगा। पहला हिस्सा छात्रों से संबंधित होगा, जिसमें OMR आधारित टेस्ट लिया जाएगा। दूसरा हिस्सा शिक्षकों के फीडबैक पर आधारित होगा, जिसके लिए एक विशेष पेपर भेजा जाएगा। तीसरा हिस्सा स्कूलों से जुड़ी जानकारियों पर केंद्रित होगा। यह सर्वे देशभर के स्कूलों के शैक्षिक वातावरण और गुणवत्ता को मापने का एक महत्वपूर्ण उपकरण बनेगा।
शिक्षा नीति में ‘परख’ की भूमिका
2020 में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ‘परख’ को एक जरूरी स्थान दिया गया है। इसका उद्देश्य शिक्षा में सुधार करना है.यह NCERT के अन्य कार्यों जैसे राष्ट्रीय असेसमेंट सर्वे और राज्य असेसमेंट सर्वे का हिस्सा है, जिसका मकसद बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सुधारात्मक नीतियां तैयार करना है।
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